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भारतीय खेलों मे यौन उत्पीड़न सबसे ज्यादा

दुनिया के श्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी क्रिश्चियानों रोनाल्डो अपनी एक महिला मित्र द्वारा लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे हैं।

नई दिल्ली : दुनिया के श्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ी क्रिश्चियानों रोनाल्डो अपनी एक महिला मित्र द्वारा लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे हैं। उनसे पहले चैम्पियन मुक्केबाज़ माइक टायसन, नामी गोल्फर टाइगर वुड्स और अन्य कई खिलाड़ी महिलाओं द्वारा लगाए आरोपों के शिकार बने और उन पर कड़ी कार्यवाही की गई। दुनियाभर के देशों में महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आए और उनकी सरकारों और अदालतों ने दोषियों को कड़ी सजाएं भी दी। केवल भारत ही ऐसा देश है जहां भाषणों और नारों में नारी सुरक्षा और संरक्षण की बातें तो खूब की जाती हैं पर दोषी हमेशा साफ बच निकलते हैं। ऐसा नहीं है कि भारतीय खेलों में यौन शोषण के मामले सामने नहीं आते या खेल संघों, खेल मंत्रालय, पुलिस और अदालतों को दुष्कर्म की शिकायतें नहीं मिल पातीं।

लेकिन हमारे रूढ़िवादी समाज और हल्की सोच के चलते ज़्यादातर मामले दब कर रह जाते हैं। पिछले दिनों तायक्वांडो से जुड़ी कुछ खिलाड़ियों ने फेडरेशन अधिकारियों और उनके करीबीयों पर दुष्कर्म के आरोप लगाए ,बाक़ायदा शिकायत दर्ज की गई। लेकिन प्रताड़ित खिलाड़ियों को डरा धमका कर चुप करा दिया गया। वर्षों पहले साइकलिंग में एक गंभीर मामला सामने आया और दबा दिया गया। हॉकी फुटबॉल, बास्केटबॉल, तैराकी, एथलेटिक, कुश्ती, मुक्केबाज़ी, तीरन्दाज़ी, कबड्डी और सबसे ज़्यादा मार्शल आर्ट्स खेलों में कोच या सपोर्ट स्टाफ द्वारा दुराचरण के ढेरों मामले सामने आए और शांत भी कर दिए गये। पांच बार की विश्व चैम्पियन और ओलंपिक पदक विजेता मेरीकाम ने तो बाक़ायदा अपने साथ हुए दुराचार को सरेआम स्वीकार भी किया और कहा कि दोषियों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। बच्चियों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की सबसे ज़्यादा घटनाएं भारत मे हो रही हैं।

नवजात के साथ रेप, अबोध बालिकाओं का शारीरिक शोषण और हत्या के हज़ारों मामले दबा दिए जाते हैं या कोई कार्यवाही नहीं की जाती। महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण के मामले इस लिए भी दब जाते हैं क्योंकि असरदार लोग उनका खेल भविष्य खराब करने का डर दिखाते हैं। ऐसे मे जबकि सलमान ख़ान, नाना पाटेकर और अन्य कई जानी मानी हस्तियों को सिर्फ़ आरोप लगाए जाने पर कटघरे मे खड़ा किया जा रहा है तो खिलाड़ियों को भी खुल कर सामने आना चाहिए। देश की अदालतें इस दिशा मे सराहनीय काम कर रही हैं। यही मौका है जब तमाम खेलों में व्याप्त गंदगी को साफ किया जा सकता है। लेकिन शुरुआत महिला खिलाड़ियों को करनी है। उन्हें अवसरवादियों और बलात्कारियों को एक्सपोज़ करना होगा।

(राजेंद्र सजवान)

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