मोहाली : भारतीय क्रिकेट के उदीयमान सितारे शुभमन गिल रणजी ट्रॉफी के दौरान पंजाब के लिये खेलते हुए उस समय एक विवाद में फंस गए, जब दिल्ली के खिलाफ मैच में आउट दिये जाने के बाद वह मैदान पर अंपायर से भिड़ गए। इस वजह से दस मिनट तक खेल रोकना पड़ा। भारत ए टीम के कप्तान ने सुबोध भाटी की गेंद पर विकेट के पीछे लपके जाने के बाद क्रीज छोड़ने से इनकार कर दिया।
अंपायर के साथ उनकी बहस भी हुई । मैदानी अधिकारियों से मशविरे के बाद अंपायर ने फैसला बदला। उस समय गिल 10 रन बनाकर खेल रहे थे लेकिन वह ज्यादा देर टिक नहीं सके । वह 41 गेंद में 23 रन बनाकर सिमरजीत सिंह की गेंद पर आउट हुए। अंपायर के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करना ‘आचार संहिता’ का उल्लघंन है और ऐसी भी संभावना है कि मैच रैफरी पी रंगनाथन इस खिलाड़ी से बात करें। उन्हें चेतावनी लेकर भी छोड़ा जा सकता है।
या फिर लेवल एक उल्लघंन के अंतर्गत आरोपित किया जा सकता है। दिल्ली टीम के मैनेजर विवेक खुराना ने बताया कि सामने खड़े अंपायर मोहम्मद रफी ने शुभमन को विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया । इसके बाद वह अंपायर के पास जाकर फैसला बदलने को कहने लगा। अंपायर ने स्क्वेयर लेग अंपायर पश्चिम पाठक से बात करके अपना फैसला बदला। उन्होंने दिल्ली टीम के वाकआउट करने की किसी संभावना से इनकार किया।
पंजाब क्रिकेट संघ के अधिकारी जीएस वालिया ने कहा कि गिल ने अंपायर से बहस में किसी तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। वालिया ने कहा कि उन्होंने अंपायर को कहा कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी है। हम सभी ने शुभमन को देखा है, वह बहुत ही शांत चित्त वाला खिलाड़ी है। मैच रैफरी द्वारा किसी भी तरह के जुर्माने संबंधित फैसला चौथे दिन के खेल के खत्म होने के बाद ही घोषित होगा।