भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अपने हाल के इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए है जिसमे उन्होंने ये भी बताया कि उनके टीम के डायरेक्टर बनने के बाद जानबूझकर उन्हें टीम से दूर किया गया था। उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि वो टीम के कोच न बन पाएं। हालांकि 2017 में शास्त्री भारतीय टीम के कोच बने थे और 2021 तक उन्होंने इस पद पर काम किया।
डंकन फ्लेचर के हटने के बाद रवि शास्त्री को साल 2014 और 2015 के वनडे वर्ल्डकप में भारतीय टीम का डायरोक्टर बनाया गया था। इस दौरान टीम का प्रदर्शन ठीक ठाक था। वर्ल्डकप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार कर बाहर हुई थी। इसके बाद शास्त्री को उनके पद से हटा दिया गया और अनिल कुंबले भारत के नए कोच बने। हालांकि विराट से अनबन के बाद कुंबले ने 2017 में यह पद छोड़ दिया और फिर शास्त्री को भारत का हेड कोच बनाया गया।
शास्त्री ने एक न्यूज़ पेपर से बातचीत में कहा कि उन्हें जिस तरीके से हटाया गया था, उससे उन्हें दुख हुआ था। उनके अनुसार उन्हें टीम से बाहर करने के बेहतर तरीके हो सकते थे। काफी विवादों के बाद 2017 में शास्त्री फिर से भारत के कोच बने। उन्होंने इस पर कहा “जो लोग मुझे बाहर रखना चाहते थे, उनके मुह पर ये करारा तमाचा था।” 2017 में उनके कोच बनने के बाद शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ने टेस्ट और वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन इस दौरान टीम इंडिया कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई।
शास्त्री के अनुसार इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि वो भारतीय टीम के हेड कोच न बनें। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किन लोगों ने उनके खिलाफ साजिश की थी। उन्होंने कहा “मैं किसी एक इंसान का नाम नहीं ले सकता।” भरत अरुण को लेकर भी पूर्व भारतीय कोच ने बताया कि लोग उन्हें भी गेंदबाजी कोच नहीं बनाना चाहते थे, लेकिन वो सबसे बेहतरीन गेंदबाजी कोच साबित हुए।