बतौर नेट गेंदबाज आस्ट्रेलिया गये तेज गेंदबाज थांगरासू नटराजन ने सभी तीनों प्रारूपों में पदार्पण करके इतिहास बना दिया और उन्होंने कहा कि उन्हें मौका मिलने की उम्मीद नहीं थी जिससे भारत के लिये पहला मैच खेलते समय वह दबाव में थे। वह एक ही दौरे पर सभी तीनों प्रारूपों में टीम के लिये पदार्पण करने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी बन गये। 29 साल के खिलाड़ी ने दो दिसंबर को कैनबरा में तीसरे वनडे में भारत के लिये पदार्पण किया था।
नटराजन ने सलेम जिले में चिन्नाप्पामपट्टी में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं अपना काम करने के लिये प्रतिबद्ध था। मुझे वनडे में मौका मिलने की उम्मीद नहीं थी। जब मुझे बताया गया कि मैं इसमें खेलूंगा तो मैं दबाव में था। मैं मौके का फायदा उठाना चाहता था। खेलना और एक विकेट लेना सपने की तरह था।’’ बायें हाथ के तेज गेंदबाज ने अपना टेस्ट पदार्पण गाबा में चौथे और अंतिम मैच में किया जिसमें भारत ने जीत हासिल कर आस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक श्रृंखला अपने नाम की। नटराजन ने इस मैच में तीन विकेट चटकाये।
उन्होंने कहा कि देश का प्रतिनिधित्व करना सपना सच होना था। नटराजन ने तमिल में कहा, ‘‘भारत के लिये खेलने के बाद मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह सपने की तरह था। मुझे कोचों और खिलाड़ियों से भी काफी सहयोग मिला। उन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे काफी प्रोत्साहित किया। मैं उनके समर्थन की वजह से अच्छा करने में सफल रहा।’’
नटराजन ने यह भी कहा कि उन्हें विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में खेलना काफी अच्छा लगा क्योंकि उन्होंने काफी प्रोत्साहित और सहयोग किया। उन्होंने कहा,‘‘विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे ने मुझे अच्छी तरह से संभाला। उन्होंने मुझे काफी सकारात्मक चीजें कहीं और मुझे प्रेरित किया। मुझे दोनों की कप्तानी में खेलना अच्छा लगा।’’