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इस क्रिकेटर के पास स्कूटर तक खरीदने के पैसे नहीं थे, अब घूम रहा है 1 करोड़ की हमर गाड़ी में

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आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि ‘मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है, हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है, डरने वालों को मिलता नहीं कुछ जिंदगी में, लडऩे वालों के कदमों में जहां होता है।’ हम बात कर रहे हैं हमारी भारतीय क्रिकेट टीम के फिरकी किंग हरभजन सिंह की जिनकी जिंदगी में हर कदम पर कई उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा है। लेकिन पाजी ने अपनी इन मुसीबतों से कभी भी हार नहीं मानी और अपनी जिंदगी में कभी रूके नहीं।

Harbhajan Singh

हरभजन के पिता की मौत के बाद उनके पूर परिवार की बागडोर उन पर ही आ गई थी और उन्होंने इस भागडोर को बखूबी संभाला और क्रिकेट की दुनिया में जीत के तिंरगे को फहराने में वह कामयाब हो गए। आप सबको पता ही होगा कि हरभजन सिंह भारतीया क्रिकेट टीम के सबसे पॉपुलर खिलाडिय़ों में से एक हैं।

Harbhajan Singh

जितने भी क्रिकेट प्रेमी है उन सबको ही हरभजन सिंह के बारे में पक्का ही पता होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीसीसीआई ने टीम इंडिया के खिलाडिय़ों की सालाना फीस जारी की है।

indian cricket team

इस नए कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक सारे ही खिलाडिय़ों की मैच फीस में भारी इजाफा हो गया है। इस कॉन्ट्रैक्ट में बीसीसीआई ने सारीे ही खिलाडिय़ों की राशि को दोगुना कर दिया है। इस खबर से सारे ही खिलाड़ी काफी खुश हैं।

suresh rania and Harbhajan Singh

बता दें हरभजन सिंह और सुरेश रैना इस बात से काफी नाराज हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह दोनों ही खिलाड़ी के समय में भारतीय टीम के लिए काफी जरूरी रहे हैं लेकिन अब बीसीसीआई ने इन्हें किसी भी ग्रेड में जगह नहीं दी है। बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर हरभजन सिंह को एनुअल कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया है।

Harbhajan Singh

बता दें कि पिछले 1 साल से भारतीय टीम से बाहर हैं। बता दें कि हरभजन ने आखिरी टेस्ट मैच अगस्त 2015 में खेला था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरभजन सिंह का जन्म पंजाब के जालंधर शहर में सरदार सरदेव सिंह प्लाहा के घर में हुआ था।

Harbhajan Singh

हरभजन सिंह के पिता का मशीन पाट्र्स का छोट सा बिजेनस था। हरभजन की मां अवतार कौर एक हाउसवाइफ रही हैं।  वहीं हरभजन की 5 बहने भी हैं। जब भज्जी 20 साल के तो साल 2000 में उनके पिता का निधन हो गया था।

Harbhajan Singh

उस समय भज्जी की उम्र कम थी और घर की जिम्मेदारियों के चलते उन्हें ही संभालना था जिसकी वजह से उनका क्रिकेट कैरियर भी खतरे में आ गया था। हरभजन कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए जान लगा दी।

Harbhajan Singh

हरभजन अपने आपको एक अच्छा क्रिकेटर बनाना चाहते थे इसलिए कई बार जब वह बीमार होते थे तभी भी अपना प्रैक्टिस सेशन बिल्कुल नहीं छोड़ते थे।

Harbhajan Singh

वे दिन में तीन बार दौलतपुर स्थित प्रैक्टिस ग्राउंड में क्रिकेट खेलने जाते थे। उस वक्त उनके पास स्कूटर नहीं था वे साइकिल से ही जाते थे। कई बार जब शाम को लाइट चली जाती थी तो पार्क में खड़े स्कूटर की हेडलाइट जलवाकर वे बॉलिंग प्रैक्टिस करते थे।

Harbhajan Singh

एक वक्त पर स्कूटर तक नहीं खरीद पाने वाले भज्जी आज करोड़ों रुपए वाली कई गाड़ियां चलाते हैं। आज करीब एक करोड़ रुपए की हमर गाड़ी में घूमने वाले हरभजन के पास एक वक्त स्कूटर खरीदने के पैसे भी नहीं थे।

Harbhajan Singh family

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