भारतीय क्रिकेट टीम ने आज के दिन यानी 2 अप्रैल 2011 को 28 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। आज भी 8 साल पहले का वो लम्हा जब पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का लगाकर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था वो पूरे देश को याद है। इस ऐतिहासिक जीत को आज पूरे 8 साल हो गए हैं।
2011 विश्व कप के फाइनल में भारत और श्रीलंका पहुंचा था और भारत ने श्रीलंका को हरा कर वर्ल्ड कप दूसरी बार जीता था और वर्ल्ड चैंपियन बना था। मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम भारतीय टीम की उस ऐतिहासिक जीत का गवाह बना था। 2011 के विश्व कप में भारत ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्विंदी पाकिस्तान को सेमीफाइनल में हराकर फाइनल में पहुंचे थे। तो वहीं श्रीलंका ने भी सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को मात दी थी और अपनी जगह फाइनल में बनाई थी।
आज के दिन 8 साल पहले भारतीय टीम बनी थी विश्व चैंपियन
इस फाइनल मैच में श्रीलंका ने टॉस जीता था और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए थे। श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने इस मैच में 103 रनों की शतकीय पारी खेली थी। वहीं भारत को मैच जीतने के लिए श्रीलंका ने 275 रनों का लक्ष्य दिया था जिसका पीछे करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ खास नहीं हुई थी। भारत के 31 रन पर दो विकेट गिर गए थे।
श्रीलंका के खिलाफ इस फाइनल मैच में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर आउट हो गए थे। वहीं तीसरी विकेट के लिए सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने मौजूदा समय के कप्तान विराट कोहली के साथ मिलकर 83 रनों की साझेदारी की थी। वहीं विराट कोहली जल्दी आउट हो गए थे जिसके बाद भारत के लिए मुश्किलें और भी बढ़ती हुई नजर आ रहीं थीं। लेकिन उस दिन भारतीय टीम की तरफ से इतिहास रचने वाला था।
विराट के आउट होने के बाद युवराज सिंह से भारतीय क्रिकेट फैंस की उम्मीदें बंध गई थी। लेकिन उस समय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने आपको प्रमोट किया और वह क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए। गंभीर और धोनी ने चौथी विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी की और भारतीय टीम की जीत की स्क्रिप्ट लिखी। उस समय मैदान पर सब सही चल रहा था लेकिन अचानक गंभीर 97 रन पर क्लीन बोल्ड हो गए।
धोनी ने छक्का लगाकर भारत को जीताया था वर्ल्ड कप
जब गंभीर आउट हुए थे तो पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया था। जब गंभीर पवेलियन की तरफ जा रहे थे तभी पूरे वानखेड़े स्टेडियम में सारे दर्शकों ने उनका खड़े होकर अभिवादन किया था। उसके बाद धोनी और युवी ने मोर्चा संभाला और टीम को जीत की तरफ पहुंचाया। भारत को विश्व कप बनने के लिए 11 गेंदों पर सिर्फ 4 रनों की जरूरत थी तभी धोनी ने अपने स्टाइल में सिक्स लगाकर भारत को वर्ल्ड कप जीताया था और विश्व चैंपियन बनाया था।
विश्व कप के फाइनल मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने 91 रन 79 गेंदों में बनाए थे और अपनी इस शानदार पारी में 8 चौके औैर 2 छक्के जड़े थे। धोनी उस समय 91 रन बनाकर नाबाद लौटे थे तो वहीं युवराज सिंह ने भी नाबाद 21 रन 24 गेंदों में बनाए थे। धोनी के छक्के और मौजूदा कोच रवि शास्त्री की कमेंट्री सुन आज भी क्रिकेट फैंस के रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
यह विश्व कप कई मायनों में बहुत खास था। भारत ने पहली बार विश्व कप 1983 में जीता था। उसके बाद सौरव गांगुली की कप्तानी में साल 2003 में भारतीय टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई थी। 2011 में सचिन तेंदुलकर का यह विश्व कप आखिरी था और इस जीत को भारतीय टीम के खिलाडिय़ों ने उन्हें समर्पित किया था। सचिन के सम्मान में पूरी टीम ने उन्हें कंधों पर उठाकर पूरे वानखेड़े स्टेडियम का चक्कर लगाया था और यह लम्हा आज भी भारतीय लोगों की आंखों में आंसू ला देता है।