कानपुर : आईपीएल-10 में अपनी उम्मीदों को अब तक कायम रखने वाली गत चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद की टीम शनिवार को अपने आखिरी लीग मैच में गुजरात लायंस के खिलाफ अपने बेहद महत्वपूर्ण मुकाबले में उतरेगी जहां जीत उसे प्लेऑफ का टिकट दिला सकती है और हार बाहर का रास्ता।
डेविड वार्नर की कप्तानी में पिछले संस्करण का खिताब जीतने वाली हैदराबाद ने इस बार उतार चढ़ाव के बावजूद टूर्नामेंट में यहां तक का रास्ता तय किया है और वह फिलहाल 13 मैचों में 15 अंकों के साथ चौथे पायदान पर है। हालांकि हैदराबाद की सीधी जंग फिलहाल पंजाब से दिख रही है जो इतने ही मैचों में 14 अंक लेकर पांचवें नंबर पर है और उसकी आखिरी उम्मीद जीत और बाकी टीमों के परिणामों पर टिकी हुई है। लेकिन हैदराबाद के पास अपने आखिरी लीग मैच में गुजरात के खिलाफ जीत के साथ प्लेआफ में जगह पक्की करने का मौका होगा जो पहले ही टूर्नामेंट की दौड़ से बाहर हो चुकी है। सुरेश रैना की गुजरात ने हालांकि अब तक काफी उम्दा खेल दिखाया है और वह हैदराबाद के समीकरण बिगाड़ सकती है क्योंकि यह उसका भी आखिरी लीग मैच है और वह भी कानपुर मैदान पर जीत के साथ सम्मानजनक विदाई का सपना देख रही है।
गुजरात ने अपने पिछले मैच में बेहतरीन फार्म में खेल रही पंंजाब को छह विकेट से मात दी थी और उसकी उम्मीदों को करारा झटका दिया था। उसे फिर अगले मैच में दिल्ली से हार मिली थी लेकिन इस मैच में भी गुजरात ने कमाल का खेल दिखाया था और करीबी दो विकेट से वह मैच हारी थी। हालांकि हैदराबाद इस समय जीत की अहमियत को समझती है और पिछले मैच में उसने शीर्ष मुंबई इंडियन्स को सात विकेट से हराकर अपनी स्थिति मजबूत की थी।
हैदराबाद की टीम ने अब तक अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दिखाई है और वह इस लिहाज से एक संतुलित टीम है जिसके प्रदर्शन में निरंतरता भी बनी हुई है। पिछले मैच में सिद्धार्थ कौल ने 24 रन पर काफी किफायती गेंदबाजी कर मुंबई के तीन अहम विकेट हासिल किये थे तो तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार हमेशा की तरह दो विकेट लेकर सफल रहे।
इस टूर्नामेंट में शुरूआत से लेकर अभी तक भुवनेश्वर और राशिद खान की जोड़ी ने हैदराबाद के लिये जबरदस्त गेंदबाजी की है और दोनों ही टीम के सफल गेंदबाज रहे हैं। इसके अलावा मोहम्मद नबी , मोहम्मद सिराज ने भी जीत में अहम योगदान दिया है। हमेशा से हैदराबाद को उसके मजबूत गेंदबाजी क्रम के लिये जाना जाता है लेकिन उसके पास डेविड वार्नर जैसा कमाल का खिलाड़ी उसकी बड़ी ताकत है जिसने न
सिर्फ एक बार फिर सफल कप्तानी से टीम को यहां तक पहुंचाया बल्कि वह टीम के सर्वश्रेष्ठ स्कोररों में भी हैं। वहीं शिखर धवन ने भी लीग की शुरूआत से अब तक अपने खेल में काफी सुधार दिखाया है। मुंबई के खिलाफ उनकी मैन आफ द मैच नाबाद 62 रन और मोएसिस हैनरिक्स की 44 रन की पारियों ने टीम को अहम जीत दिलाई थी।
गुजरात के खिलाफ आखिरी मैच में उसे और भी बेहतर रणनीति के साथ उतरना होगा और हर हाल में उलटफेर से बचने की कोशिश करनी होगी। ऑलराउंडर युवराज सिंह के खेल में निरंतरता की कमी है और मध्यक्रम में उनके खेल में सुधार की जरूरत रहेगी। गुजरात भले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी हो लेकिन उसके बल्लेबाजों ने लगभग हर मैच में जबरदस्त खेल दिखाया है।
यह हैरानी वाली बात ही है कि गुजरात ने बड़े स्कोर के बावजूद अपने मैच हारे हैं। दिल्ली के खिलाफ उसने पिछले मैच में 195 का बड़ा स्कोर बनाया था और मैच हारा जबकि इससे पहले उसने पंजाब के खिलाफ 189 रन बनाये थे। यह मैच उसने जीता जबकि इससे पिछले मैच में भी दिल्ली के सामने वह 208 रन बनाकर भी जीत दर्ज नहीं कर सकी थी।
गुजरात के गेंदबाजों में रवींद्र जडेजा, बासिल थम्पी, धवल कुलकर्णी, जेम्स फाकनर, प्रदीप सांगवान सभी महंगे साबित हुये हैं लेकिन कप्तान और शीर्ष स्कोरर रैना, ड्वेन स्मिथ, दिनेश कार्तिक, आरोन ङ्क्षफच उसके मजबूत बल्लेबाजी क्रम का हिस्सा हैं और बड़े लक्ष्य को हासिल करना और बड़े लक्ष्य बनाना उनके लिये मुश्किल नहीं है।
(वार्ता)