हम अक्सर सुनते है कि जब कोई नया खिलाड़ी होता है,जो कुछ ही मैच खेलकर अगर किसी बड़े टूर्नामेंट के लिए चयनित किए जाते है, तब उनका बयान आता है कि उनका सपना साकार हुआ,पर आज दिनेश कार्तिक के इस बयान से लोग काफी इमोशनल हो गए होंगे. कार्तिक तब से इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे है जबसे टी20 फॉर्मेट की शुरुआत भी नहीं हुई थी. 2007 में जब भारत पहला विश्व कप जीता था, तब दिनेश कार्तिक भी उस टीम के सदस्य थे. उसके बाद से कार्तिक के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, पर कार्तिक ने हार नहीं मानी.
इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और आज उन्हें सेलेक्टर्स ने टीम के फिनिशर्स के रूप में शामिल किया. हमने एशिया कप में भी देखा कि वो टीम के हिस्सा थे मगर पहले 2 मैच के बाद उन्हें प्लेइंग-11 से बाहर कर बेंच पर बैठा दिया गया और ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया गया था. वहीं जब भारत सूपर-4 में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ पहले बल्लेबाजी की तब भारत अंत में सही से नहीं खेल पा रही थी, जिसका नतीजा हार हुआ, उस वक्त भी कप्तान रोहित शर्मा को लगा होगा कि दिनेश कार्तिक को प्लेइंग-11 से बाहर करना कहीं ना कहीं सही डिसीजन नहीं था. हालांकि इसके बाद भारतीय टीम अपनी गलती से कुछ सीखना जरूर चाहेगी.
कप्तान रोहित औऱ कोच द्रविड़ अब बिल्कुल भी नहीं चाहेंगे कि दिनेश कार्तिक टीम के लिए बेंच पर बैठे. उन्हें ना सिर्फ विश्व कप में बल्कि उससे पहले होने वाले सीरीज में भी, जब भारत का सामना होना है ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से. जब भी भारत के लिए दिनेश कार्तिक बेंच पर बैठे हैं, तब-तब हमने देखा है कि टीम को एक फिनिशर्स की कमी खली ही है. तो ऐसे में दिनेश का सफर कैसा होगा विश्व कप में, ये देखने वाली बात होगी.