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विदाई के लिए यह सबसे सही समय था : नेहरा

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नई दिल्ली : अपने घरेलू फिरोजशाह कोटला मैदान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से साथी खिलाड़यों के बीच भावुक विदाई लेने वाले तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा है कि उनके लिए विदाई लेने का यह सबसे सही समय था और अब उनके शरीर को आराम मिलेगा। नेहरा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने करियर का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने के बाद बुधवार रात अपने अंतिम संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘क्रिकेट मेरा जूनून रहा है। मुझे इसकी कमी बहुत खलेगी लेकिन अब मेरे शरीर को आराम मिलेगा। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने अपने मैदान और साथियों के बीच से खेल को अलविदा कहा। ऐसा मौका बहुत काम खिलड़यों को मिल पाता है।

38 वर्षीय नेहरा ने कहा कि 18 वर्ष के लंबे करियर में 12 सर्जरी कराने के बाद अब उनके शरीर को राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि नेहरा का करियर चोटों से जूझते हुए बीता। उन्होंने टेस्ट में 44, वनडे में 157 और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 34 विकेट हासिल किए। नेहरा ने कहा, ‘मैं इन सभी चीजों को मिस करूंगा। आप इसी के लिए ट्रेनिंग करते हैं। एक चीज निश्चित है कि अब मेरे शरीर को राहत मिलेगी। मैंने पहले ही कहा था कि मैं कुछ वर्ष और खेल सकता हूं, लेकिन क्रिकेट को अलविदा कहने का इससे बेहतर समय कोई और नहीं हो सकता। अपने आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच में भारत के लिए पारी का पहला और आखिरी ओवर डाला नेहरा जब अपनी आखिरी गेंद फेकने के लिए तैयार हो रहे थे कि तभी एक दर्शक ने मैदान में घुसने के बाद क्रीज पर आकर उनके पैर छू लिए।

पारी का आखिरी ओवर फेंकने के बारे में नेहरा ने कहा, ‘मैं शायद भारत का ऐसा गेंदबाज रहा होऊंगा, जिसने भारत की ओर से सबसे ज्यादा स्लॉग ओवर में गेंदबाजी की होगी। लेकिन यह एक अलग तरह का दबाव होता है, लेकिन आज मेरे लिए सबकुछ बहुत सहज था। यह एक बड़ बदलाव है और क्रिकेट के 18-19 साल से मैंने यही देखा है। मैंने यहां अपना पहला मैच 1997 में खेला था और तब से लेकर आज तक यहां बहुत तेजी से बदलाव हुए हैं।’ बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नेहरा अपने आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच में भले ही एक भी विकेट न ले पाए हों, लेकिन उनके लिए यह सबसे सुखद रहा कि टीम इंडिया ने पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 मैच जीता और साथ ही उन्हें जीत के साथ विदाई दी। नेहरा ने इस मैच में चार ओवर फेंककर 29 रन दिए।नेहरा ने कहा, ‘आप इसी चीज के लिए तैयार होते हैं। मैंने पहले भी कहा था, अब मेरा शरीर आराम से रहेगा। मैंने अपने आपको तैयार किया था। मैं अभी अगले दो महीने या एक साल और खेल सकता था, लेकिन कौन जानता है कि आपको इससे बेहतर और इससे बड़ विदाई का मौका बाद में मिलता या नहीं। इस मौके पर अपनी नीली जर्सी टांगने का यह सही समय था। मुझे इस बात पर गर्व है।

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