भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव दूसरे टेस्ट मैच के दौरान पिंडली की चोट के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले दो टेस्ट मैचों से बाहर हो गए हैं जबकि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन को सिडनी में सात जनवरी से होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए यादव की जगह टीम इंडिया के साथ जोड़ गया है।
यादव मेलबोर्न में दूसरे बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन अपने चौथे ओवर में अपनी पिंडली की मांसपेशियां खिंचा बैठे थे और लंगड़ते हुए मैदान से बाहर गए थे। बाद में उन्हें चेकअप के लिये जाया गया था और पिंडली में गंभीर चोट लगने से उन्हें इस दौरे से बाहर होना पड़े।
भारत के एक अन्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोटिल होने के कारण पहले ही दौरे से बाहर हो चुके हैं। शमी पहले टेस्ट के बाद बाहर हुए थे और दूसरे टेस्ट में उनकी जगह तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने टेस्ट पदार्पण किया था और पांच विकेट लेकर अपने चयन को सही साबित किया था। भारत ने मेलबोर्न टेस्ट आठ विकेट से जीतकर सीरीज में।1 की बराबरी हासिल कर ली है।
यादव के दौरे से बाहर होने का मतलब यह है कि अब भारत को अपने दो प्रमुख तेज गेंदबाजों के बगैर ही सिडनी में तीसरे टेस्ट में मैदान पर उतरना होगा। इशांत शर्मा सीरीज शुरू होने से पहले ही बाहर हो गए थे। भारत के पास टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज के रूप में सिर्फ जसप्रीत बुमराह हैं। टेस्ट टीम में नवदीप सैनी एक अन्य तेज गेंदबाज हैं जबकि शार्दुल ठाकुर, नटराजन और कार्तिक त्यागी ऑस्ट्रेलिया में ‘नेट बॉलर’के रूप में टीम के साथ जुड़ हुए हैं।
सैनी लगभग एक साल के समय से टीम के साथ जुड़ हुए हैं और पिछले दो वर्षों में सिराज के साथ भारत ए की तरफ से सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ हैं। ठाकुर भारत की तरफ से एक टेस्ट खेल चुके हैं और यह टेस्ट उन्होंने 2018 में हैदराबाद में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेला था। ठाकुर खुद उस मैच में चोटिल हो गए थे और उसके बाद से वह टेस्ट में नहीं खेले।
नटराजन को चोटिल वरुण चक्रवर्ती की जगह इस दौरे के लिए टी-20 टीम में शामिल किया गया था और वह ऑस्ट्रेलिया में नेट गेंदबाज के रूप में टीम के साथ रह गए। वह प्रथम श्रेणी में तमिलनाडु के लिए 20 मैचों में 64 विकेट ले चुके हैं। यदि वह सिडनी में एकादश में जगह बनाते हैं तो वह भारत के 299वें टेस्ट खिलाड़ बनेंगे और 2014 में जहीर खान के वेलिंगटन में खेलने के बाद से भारतीय टेस्ट टीम में खेलने वाले पहले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बनेंगे।