साउथ अफ्रीका से टेस्ट सीरीज हारने के बाद विराट कोहली ने अब टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। विराट कोहली ने वनडे और टी20 के बाद अब भारत की टेस्ट टीम की भी कप्तानी छोड़ दी है। उन्होंने ट्वीट कर फैंस को यह जानकारी दी। टीम इंडिया के लिए अब तक 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। इस दौरान भारत ने 40 मैचों में जीत हासिल की है और 17 में हार का सामना किया। टीम इंडिया को हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा है।
इसी के साथ कोहली ने पिछले तीन महीने के अंदर तीनों फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी दी है। उन्होंने टी-20 विश्व कप के बाद टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाया गया था। अब कोहली ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी है।
विराट ने हालिया समय में अपनी हर टीम की कप्तानी या तो छोड़ दी या उन्हें हटा दिया गया। विराट आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान भी थे लेकिन वह अपनी टीम को एक भी खिताब नहीं दिला पाए थे और इसलिए आईपीएल-2021 के बाद उन्होंने इस टीम की कप्तानी भी छोड़ी दी थी।
कोहली ने पोस्ट में क्या लिखा
— Virat Kohli (@imVkohli) January 15, 2022
विराट ने कप्तानी छोड़ने की घोषणा एक बयान जार कर की जिसमें उन्होंने कहा, “मैंने सात साल तक टीम को कड़ी मेहनत से सही दिशा में ले जाने की कोशिश की। मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और कुछ भी कमी नहीं छोड़ी। हर चीज का कभी न कभी अंत होता है और अब मेरे टेस्ट कप्तान के सफर का भी हो गया।”
उन्होंने कहा, “इस सफर में कई उतार चढ़ाव रहे। लेकिन कभी भी प्रयास और विश्वास की कमी नहीं रही। मैंने हमेशा हर चीज में अपना 120 प्रतिशत देने में विश्वास रखा। अगर मैं ये नहीं कर सका तो मुझे पता था कि ये सही चीज नहीं है मेरे दिन में पूरी स्पष्टता है।
ऐसा रहा टेस्ट कप्तानी का सफर
कोहली को 2014 में महेंद्र सिंह धोनी के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तानी छोड़ने के बाद टेस्ट कप्तान बनाया गया था। विराट कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की जिसमें से 40 मैचों में उन्हें जीत मिली जबकि 17 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। 11 मैच ड्रॉ रहे। उनकी कप्तानी में ही भारत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में टेस्ट सीरीज में मात दी और इतिहास रचा। कोहली की कप्तानी में ही टीम आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी। उनकी कप्तानी ने टीम ने टेस्ट में नंबर-1 रैंकिंग हासिल की। उन्हीं की कप्तानी में भारत ने सेंचुरियन में पहली बार साउथ अफ्रीका को मात दी। टेस्ट में उनकी जीत का प्रतिशत 58.82 रहा।