टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल सीरीज के बाद अब भारतीय टीम और इंग्लैंड के बीच मंगलवार 23 मार्च से वनडे सीरीज का आगाज होने जा रहा है। तीन मैचों की सीरीज का पहला मैच मंगलवार को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जाएगा। इस दौरान दोनों ही टीमें जीत के लक्ष्य के साथ मैदान पर उतरेंगी। वहीं पहले वनडे से पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि पहले वनडे में रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग जोड़ीदार कौन होने वाला है।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार से शुरू होने वाली वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में रोहित शर्मा और शिखर धवन ओपनिंग करने उतरेंगे।
भारत ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हुई टी20 सीरीज में चार ओपनिंग कॉमबिनेशन बैठाए थे जिसमें अंतिम मुकाबले में कोहली और रोहित ने ओपनिंग की थी। कोहली ने मैच से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा, जहां तक ओपनिंग का सवाल है तो इसमें कोई शक नहीं कि धवन और रोहित सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरेंगे। जब बात वनडे क्रिकेट की हो तो मुझे नहीं लगता कि रोहित और धवन को साथ में उतारने में कोई परेशानी होगी। पिछले कुछ वर्षों में इन्होंने काफी अच्छा किया है।
धवन का वनडे में प्रदर्शन अच्छा रहा है, हालांकि उन्होंने जून 2019 के बाद से विश्व कप के दौरान चोटिल होने तथा कोरोना वायरस के कारण सिर्फ नौ वनडे मुकाबले ही खेले हैं। इन नौ मैचों में भी उन्होंने दो मुकाबलों में बल्लेबाजी नहीं की थी।धवन ने सात वनडे मैचों में 46.85 के औसत से 2, 36, 74, 96, 74, 30 और 16 रन बनाए हैं।यह वनडे सीरीज ऐसे समय आयोजित की जा रही है जब इस साल अक्टूबर-नवंबर में भारत में टी20 विश्व कप का आयोजन होना है और टी20 पर ध्यान ज्यादा केंद्रित है।
कोहली ने कहा, शेडयुलिंग ऐसी चीज है जो हमारे नियंत्रण में नहीं है। हमारे लिए यह एक अंतरराष्ट्रीय मैच है और सभी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले महत्वपूर्ण होते हैं। अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करने का यह एक अवसर है और हमारा एकमात्र ध्यान इसी पर केंद्रित है।
कप्तान ने कहा, हां, मैंने कई बार कहा है कि शेड्युलिंग और काम का बोझ वो चीजें हैं जिसे सभी को सचेत रहना चाहिए। विशेषकर आज के समय में जब हमें नहीं पता कि कब प्रतिबंध लग जाए और आपको भविष्य में भी बायो बबल में खेलना पड़े। मेरे ख्याल से यह जरूरी है कि कितना क्रिकेट आप खेल रहे हैं, ना सिर्फ शारीरिक साइड बल्कि मानसिक तौर पर भी।
खिलाड़ियों को इस बारे में चर्चा करने और सलाह लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि यह क्रिकेट प्रणाली और क्रिकेट की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा है। हमें भविष्य में ऐसी प्रणाली बनानी चाहिए जिससे हम और मजबूत बनें।