7 जून से भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा, जिसमें भारतीय टीम की प्लेइंग-11 क्या रहेगी इस पर अभी भी संशय बना हुआ है, और यह तब ही पता चलेगा, जब 7 तारीख को टॉस होगा। हालांकि भारतीय टीम को विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की कमी तो खलेगी, इसमें कोई संदेह नहीं है, क्योंकि वो टेस्ट मैच एक अलग ही रूप में खेला करते थे। इस वक्त वो एक्सिडेंट के बाद रिकवरी प्रॉसेस में हैं। उनकी जगह पर के.एस भरत और ईशान किशन को टीम में चुना गया है। तो क्या इन दोनों में से जिस भी खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में जगह मिलेगी, क्या वो पंत की कमी को पूरा कर पाएगा।
दरअसल ऋषभ पंत का टेस्ट क्रिकेट खेलने का अंदाज कुछ अलग ही था। वो और खिलाड़ियों की तरह रन नहीं बनाते हैं। वो बॉल टू बॉल रन बनाकर अपनी टीम को एक अच्छी स्थिति में पहुंचाने का काम कई बार किया है और कई बार मैच जिताऊ पारी भी खेली हैं। 2021 में उनके द्वारा खेली गई गावा की पारी को कौन भूल सकता है, जिसे भारतीय टीम ने एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। ऋषभ पंत का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट रिकॉर्ड काफी बढ़िया भी हैं। उन्होंने 7 मैच के 12 पारियों में कंगारुओं के खिलाफ 62.4 की औसत और 72.13 की स्ट्राइक रेट से अब तक 624 रन बनाए हैं, जिसमें 2 अर्धशतक और 1 शतक शामिल हैं।
इसके अलावा बात करें कि उनका इंग्लैंड की सरगर्मी पर बल्ले से भी काफी बढ़िया रिकॉर्ड हैं। उन्होंने यहां 12 मैचों के 21 पारियों में 74 के स्ट्राइक रेट और 39 के एवरेज से 781 रन बनाए हैं। पंत ने इंग्लैंड में भी 3 शतक और 4 अर्धशतक भी लगाए हैं। इस रिकॉर्ड को देखकर साफ लगता है कि पंत की कमी को पूरा करना ईशान किशन और के.एस भरत के लिए काफी मुश्किल हैं। ईशान किशन ने अब तक अपना टेस्ट डेब्यू भी नहीं किया हैं। अगर वो 7 तारीख को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबला खेलते है तो वो उनका पहला टेस्ट मैच होगा और उनके ऊपर पहला मुकाबला खेलने का ही दबाव काफी ज्यादा होगा। वहीं केएस भरत ने भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी साल मार्च-अप्रैल के महीने में अपना टेस्ट डेब्यू किया हैं। तो ऐसे में वो भी अभी नए खिलाड़ी ही हैं।
तो देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान रोहित शर्मा किस खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में मौका देते हैं। खैर जो भी खिलाड़ी मैदान पर उतरेगा वो ऋषभ की कमी पूरा कर पाएगा या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। हालांकि भरत और ईशान के अलावा भी टीम में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रहाणे, गिल जैसे खिलाड़ी है, जो कि उनको सपोर्ट करते नजर आएंगे। वहीं जिस भी खिलाड़ी को प्लेइंग-11 में मौका मिलेगा, वो अपना योगदान देकर टीम में अपनी जगह लंबे समय के लिए पक्की कर सकते हैं।