भारत की ओर से 4 इंटरनेशनल मैच खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की। मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे नमन संन्यास से पहले पिता विनय कुमार ओझा के साथ इंदौर के होलकर स्टेडियम पहुंचे और पिच को प्रणाम किया। इसके बाद उनकी आंखें भर आईं। नमन ने कमर में दर्द और परिवार को समय नहीं दे पाने को संन्यास की वजह बताया है। संन्यास की घोषणा से पहले भास्कर ने उनसे खास बातचीत की।
नमन के नाम रणजी ट्रॉफी में विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा शिकार (351) करने का रिकॉर्ड है।नए प्लेयर आ गए हैं। उन्हें यदि इस समय चांस मिला, तो वे देश के लिए खेल सकेंगे। इसके अलावा कमर में दर्द रहता है। परिवार को भी समय नहीं दे पाता था। इसलिए मुझे लगा कि यह संन्यास लेने का सही टाइम है।
कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट जीतना ही मेरी सबसे अच्छी याद है। 2016 में IPL में सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए ट्रॉफी जीतना, दिलीप ट्रॉफी और देवधर ट्राॅफी उठाना अच्छी यादों में से एक है।टेस्ट, वनडे के साथ ही डॉमेस्टिक क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। नए लड़कों को मौका मिले, संन्यास के पहले यही मेरी सोच है।