नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में देश के लिए सर्वाधिक गोल जमाने वाले सुनील छेत्री का मानना है की भारत को फीफ़ा वर्ल्ड कप में भाग लेने के लिए अभी लंबा सफर तय करना पड़ेगा। भारतीय फुटबॉल के लिए वर्ल्ड कप तब ही संभव हो सकता है जब एशिया के पहले दस देशों में जगह बनाए और इस स्थान को लगातार बनाए रखे। तत्पश्चात महाद्वीप की पहली पांच टीमों में शामिल होने का लक्ष्य लेकर चलना होगा। भारत एशिया में 15वें नंबर पर है।
आज यहां गुड़गाँव के हेरिटेज स्कूल में किया मोटर्स इंडिया द्वारा स्कूली फुटबॉल खिलाड़ियों के एक कार्यक्र्म में क्षेत्री ने उभरते खिलाड़ियों को खेल की बारीक़ियां तो सिखाई ही साथ ही उन्हें फुटबॉल को गंभीरता से लेने और दुनियां के सबसे लोकप्रिय खेल के चैम्पियन खिलाड़ियों से सीखने का सबक पढ़ाया। अगले माह रूस में होने वाले फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप मे भारत के छह स्कूली फुटबॉल खिलाड़ी बॉल ब्वायज़ के रूप में उपस्थिति दर्ज करेंगे जिनमे दो श्रेष्ठ खिलाड़ियों को मैचों के दौरान मैदान के इर्द-गिर्द बॉल सर्व करने का मौका मिलेगा जबकि चार अन्य दर्शक दीर्घा में बैठकर मैचों का लुत्फ़ उठाएंगे।
सुनील ने ट्रायल देने पहुंचे छोटी उम्र के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अच्छा फुटबॉल खिलाड़ी बनना है तो सबसे पहले एक अच्छा और अनुशासित इंसान बन कर दिखाना होगा। उन्होने कहा कि अभी हम बहुत पीछे चल रहे हैं लेकिन बदलाव आ रहा है और आज-कल के भारतीय बच्चे देश की फुटबॉल को सही दिशा दे पाएंगे ऐसा विश्वास है। आईएसएल और आई लीग को सुनील ने फुटबॉल में मील का पत्थर बताया और अधिकाधिक विदेशी खिलाड़ियों की उपस्थिति से सीखने का मौका मिल रहा है।
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(राजेंद्र सजवान)