भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपनी शानदार बल्लेबाजी से क्रिकेट दुनिया में कई रिकॉर्ड बनाए हैं और तोड़े भी हैं। सौरव गांगुली का नाम क्रिकेट दुनिया के दिग्गज खिलाडिय़ों में लिया जाता है। भारतीय टीम को कभी भी उनकी बल्लेबाजी पर संदेह नहीं रहा था उन्होंने अपने रिकॉर्ड से टीम में विश्वास बनाया हुआ था कि मुश्किल समय में वह टीम का साथ कभी नहीं छोड़ते हैं।
लेकिन सौरव गांगुली की एक खासियत को हम कभी-कभी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं और वह चीज है उनकी गेंदबाजी। वह मेन इन ब्लू के लिए एक प्रभावी गेंदबाज थे।
द मैन विथ द गोल्डन आर्म से भी सौरव गांगुली को बुलाया जाता है। उनके अंदर क्षमता थी कि वह अपनी गेंदबाजी से साझेदारी तोड़ सकते थे और खेल को अपने पक्ष में पलट देते थे। दादा ने 30 मई,1999 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में यह एक बार फिर से साबित किया था।
1999 विश्व कप के एक मैच में सौरव गांगुली ने गेंदबाजी से किया था कमाल
1999 विश्व कप का वह मैच वास्तव में 29 मई को शुरू हुआ था लेकिन बारिश की वजह से वह अगले दिन तक चला गया था। दरअसल जब 29 मई को बारिश आई तो इंग्लैंड का स्कोर 73/3 पर था और उन्हें जीत के लिए 233 रनों की जरूरत थी। गांगुली ने बारिश से पहले नासिर हुसैन को 33 रन पर आउट किया था। नासिर ने ग्रीम थोरपे के साथ मिलकर तीसरी विकेट के लिए 59 रनों की साझेदारी की थी। भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच में 232/8 रन का स्कोर बनाया था और उसमें सौरव गांगुली ने 40 रनों का योगदान भी दिया था।
सौरव गांगुली ने उसके बाद मार्क एलहम और नील फेयरब्रथर को आउट किया और उस समय इंग्लैंड का स्कोर 132/8 पर पहुंच गया था। गांगुली ने अपनी शानदार गेंदबाजी से इंग्लैंड की बल्लेबाजी की कमर तोड़ कर रख दी थी।
भारत ने यह मैच 63 रनों से जीत लिया था। गांगुली ने 8 ओवर में 3 विकेट 27 रन देकर लिए थे। एक दिन पहले ही जिम्बाब्वे ने साउथ अफ्रीका को मैच में हरा दिया था जिसकी वजह से इंग्लैंड पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया था।
भारत विश्व कप 1999 के सुपर सिक्स से बाहर हो गया था लेकिन उस दिन गांगुली ने गेंदबाजी से भी कमाल दिखा दिया था। यह एक टीम का प्रयास था लेकिन उस दादा ने दिखा दिया कि उनके दोनों हाथों में लड्डू है। सौरव गांगुल ने अपने वनडे क्रिकेट में 100 विकेट झटके हैं।