भारतीय टीम के ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। साउथ मुंबई होटल में युवराज ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अपने संन्यास के बारे में घोषणा की है। साल 2000 में नैरोबी में युवराज ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत की थी। केन्या के खिलाफ उस वनडे मैच में युवराज ने बल्लेबाजी नहीं की थी। दो साल पहले 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ युवराज सिंह ने अपना आखिरी वनडे मैच खेला था।
टेस्ट में प्रदर्शन रहा औसत, वनडे और टी-20 में छाए
भारतीय टीम के ऐसे चुनिंदा खिलाडिय़ों में से एक हैं युवराज सिंह जिन्होंने वनडे और टी-20 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करके दिग्गजों और क्रिकेट फैन्स को दीवाना बनाया। वहीं टेस्ट में युवराज का प्रदर्शन औसत कर रहा है। भारत के लिए युवराज ने 304 वनडे मैैचों में 8701 रन बनाए हैं।
उसमें युवराज के नाम 14 शतक और वनडे क्रिकेट में 111 विकेट भी युवराज ने अपने नाम किए हैं। टी20 क्रिकेट में 58 मैच खेलकर युवराज ने 117 रन बनाए हैं। टी20 में युवराज ने 8 अर्धशतक और 28 विकेट अपने नाम किए हैं। युवराज का बल्ला टेस्ट क्रिकेट में खामोश रहा है। टेस्ट में 40 मैचों में युवराज ने 1900 रन ही बनाए हैं और इसमें 3 शतक भी जड़े हैं।
दो विश्व कप जिताए हैं भारतीय टीम को युवी ने
विश्व कप 1983 में भारत कपिल देव की कप्तानी में पहला विश्व कप जीता था। वहीं भारतीय टीम को टी20 विश्व कप 2007 में युवराज सिंह ने जीताया था। इस टूर्नामेंट में 6 मैचों में 148 रन बनाए थे और मैन ऑफ द सीरीज में रहे थे। वहीं इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में युवराज ने लगातार 6 छक्के जड़े थे। वहीं विश्व कप 2011 में मैैन ऑफ द टूर्नामेंट भी युवराज बने थे।
इस वजह से लिया युवराज ने संन्यास
भारत के दिग्गज वनडे खिलाडिय़ों में से एक युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है क्योंकि वह विदेश टी20 लीग में फ्रीलांस कैरियर के तौर पर खेलना चाहते हैं।
हाल ही में बीसीसीआई के एक सीनियन अधिकारी ने बताया था कि इंटरनेशनल और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे हैं। युवराज जीटी-20 और आयरलैंड व हालैंड में यूरो टी-20 स्लैम टूर्नामेंट खेलने का विचार कर रहे हैं।