नई दिल्लीः क्रिकेट के इतिहास में एक से बढकर एक कई रिकॉर्ड बने और टूटे । इस खेल से जुड़े कई इत्तेफाक भी आपने देखें होंगे। कुछ ऐसे खास दिन भी हैं जो भारतीय क्रिकेट टीम की यादगार सफलताओं को हर साल याद दिलाते रहते हैं। भारतीय क्रिकेट ने एक लंबा सफर तय किया है और इस दौरान कई कप्तान आए और गए। हर साल करोड़ों फैंस इन कप्तानों के जन्मदिन को मनाते हैं …लेकिन एक महीना ऐसा है जो कुछ ज्यादा ही खास और सबसे अलग है। ये है साल का 7वां महीना (जुलाई) जिसमें सबसे ज्यादा 7 भारतीय कप्तानों का जन्मदिन आता है।
– हेमू अधिकारी
शुरुआत होती है हेमचंद्र रामचंद्र अधिकारी से जिनका जन्म 31 जुलाई 1919 को पुणे में हुअा। हेमचंद्र रामचंद्र अधिकारी को हेमू अधिकारी के नाम से जाना जाता था। उन्होंने तीन दशक भारतीय क्रिकेट टीम के साथ गुजारे जिस दौरान वो टीम के खिलाड़ी भी रहे, फिर कप्तान भी बने और बाद में टीम के कोच की भूमिका भी निभाई। उन्होंने भारत के लिए 21 टेस्ट मैच खेले जिस दौरान 1958-59 के सीजन में उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में कप्तानी करने का मौका मिला जिसके साथ ही वो भारतीय के नौवें टेस्ट कप्तान बने। वो मैच भारत हार गया था लेकिन हेमू का नाम भारतीय कप्तानों की लिस्ट में जरूर शामिल हो गया।
– गुलाम अहमद
गुलाम अहमद का जन्म 4 जुलाई 1922 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने 1955 से 1959 के बीच भारतीय टेस्ट टीम की तीन टेस्ट मैचों में कप्तानी की थी। वो न्यूजीलैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में और वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में भारत के कप्तान रहे। एक अच्छे स्पिनर के रूप में मशहूर हुए गुलाम अहमद को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए पहले मैच के लिए जाना जाता है जहां उन्होंने 5 विकेट लिए थे और 11 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक भी जड़ा था। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद काफी समय तक बीसीसीआई को भी अपनी सेवाएं दीं। उनके पाकिस्तान के पूर्व कप्तान आसिफ इकबाल और भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा के परिवार से भी संबंध रहे। उनकी मृत्यु अक्टूबर 1998 में 76 साल की उम्र में हुई।
– गुलाबराय रामचंद
26 जुलाई 1927 में जन्मे गुलाबराय रामचंद 1952 से 1960 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे और इस दौरान उन्होंने 33 टेस्ट मैच खेले। उन्हें 1959-60 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनने का मौका मिला जिस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में भारत की कप्तानी की। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन 5 टेस्ट मैचों में गुलाबराय की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार कंगारू टीम के खिलाफ कोई टेस्ट जीतने में सफल रही और इसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। उस सीरीज के 2 मैच ड्रॉ रहे थे जबकि दो मैच भारत हारा था।
– चंदू बोर्डेचंदू
बोर्डे का जन्म 21 जुलाई 1934 को पुणे में हुआ। वो 1958 से 1970 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे। इस दौरान उन्हें सिर्फ एक टेस्ट मैच में भारतीय टीम की कप्तानी करने का सुनहरा अवसर मिला। वो मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1967-68 सीजन में खेला गया था और मैच का नतीजा ड्रॉ था। रिटायरमेंट के बाद वो क्रिकेट प्रशासक के रूप में मशहूर हुए और राष्ट्रीय चयन समिति के प्रमुख भी रहे। उन्हें क्रिकेट में योगदान के लिए भारत सरकार ने अर्जुन अवॉर्ड, पद्म श्री और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया।
– सुनील गावस्कर
मुंबई में 10 जुलाई 1949 में जन्मे सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट इतिहास के उन दिग्गजों में शुमार रहे जिन्होंने अपने बल्ले से भारतीय क्रिकेट को नई पहचान दिलाई। सबसे पहले 10 हजारी बनने वाले इस बल्लेबाज ने 1975 से 1985 के बीच 47 मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की लेकिन इस दौरान भारतीय टीम सिर्फ 9 मैच जीत सकी जबकि 8 मैच ड्रॉ रहे और 30 मैच गंवा दिए। वनडे क्रिकेट में वो 1980 से 1985 के बीच 37 मैचों में कप्तान रहे जिसमें से भारत ने 14 मैच जीते।
– सौरव गांगुली
लंबे समय तक टीम इंडिया की कमान संभालने वाले सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। उन्हें भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा बदलने वाले कप्तान के रूप में याद किया जाता है। विदेश में टीम का रुतबा मजबूत करना हो या युवा खिलाड़ियों को मौका देकर आक्रामकता को टीम में भरना हो, इस कप्तान ने सब कुछ किया। वो टीम को 2003 में विश्व कप फाइनल तक ले जाने में भी सफल रहे लेकिन दुर्भाग्यवश भारत वहां ऑस्ट्रेलिया से हार गया। उनकी कप्तानी में भारत ने 49 टेस्ट मैच खेले जिसमें 21 मैच जीते, इसके अलावा उन्होंने 146 वनडे मैचों में कप्तानी की जहां भारत को 76 मैचों में जीत मिली।
– महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में शुमार रहे महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। आज वो बेशक टीम इंडिया के कप्तान नहीं हैं लेकिन उनकी पहचान अब भी कुछ वैसे ही है जैसी पहले थी। भारत को पहला टी20 विश्व कप (2007) जिताना, वनडे विश्व कप (2011) हासिल कराना और चैंपियंस ट्रॉफी में पहली बार खिताी जीत दिलाना। ये सभी सफलताएं दुनिया में सिर्फ एक ही कप्तान अपने नाम कर पाया है। धोनी ने टेस्ट में मैचों में कप्तानी की जिसमें भारत 27 मैच जीता जो कि किसी भी भारतीय टेस्ट कप्तान का रिकॉर्ड भी है, वनडे में 199 मैचों में कप्तानी की जहां भारत 110 मैच जीता और अंतरराष्ट्रीय टी20 में 72 मैचों में कप्तानी की जहां भारत 41 मैच जीता।