गोल्ड कोस्ट : पदक की प्रबल दावेदार होने के बावजूद अभी तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकी भारतीय पुरूष हॉकी टीम राष्ट्रमंडल खेलों में निचली रैंकिंग वाली मलेशियाई टीम के खिलाफ उतरेगी तो उसका लक्ष्य गलतियों से सबक लेकर धमाकेदार जीत दर्ज करने का होगा। पिछले दो खेलों की रजत पदक विजेता भारतीय टीम को पहले ही मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान ने आखिरी सात सेकंड में 2-2 से ड्रा पर रोक दिया। भारतीय टीम का पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन इतना लचर था कि कोच शोर्ड मारिन ने यहां तक कह डाला कि उन्हें लग रहा था कि कोई और टीम यह मैच खेल रही थी।
इसके बाद वेल्स को भले ही भारत ने 4-3 से हरा दिया लेकिन यह जीत वैसी नहीं थी जिसकी अपेक्षा थी। एफआईएच रैंकिंग में मलेशिया भारत से काफी नीचे है लेकिन मनप्रीत सिंह की टीम अप्रत्याशित रूप से कमजोर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खराब प्रदर्शन करती आ रही है और पाकिस्तान के खिलाफ मैच उसका उदाहरण है। भारतीय खेमे के लिये अच्छी खबर यह है कि अनुभवी फारवर्ड एस वी सुनील और दिलप्रीत सिंह अच्छे फार्म में है । पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ हरमनप्रीत सिंह ने भी कुछ गोल किये हैं । मारिन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि आखिरी क्षणों में गोल गंवाना भारत की ही समस्या है।
कई दूसरी टीमें भी इससे जूझ रही है। वेल्स के खिलाफ भी भारत ने 58 वें मिनट में पेनल्टी कार्नर गंवाया। सुनील ने शानदार प्रदर्शन करके गोल नहीं किया होता तो भारत को फिर एक अप्रत्याशित ड्रा खेलना पड़ता। दूसरी ओर मलेशिया ने वेल्स को 3-0 से हराया लेकिन पहले मैच में इंग्लैंड से 0-7 से हार गया। पिछली बार दोनों टीमें मार्च में अजलन शाह कप में टकराई थी जब भारत ने 5-1 से जीत दर्ज की थी । भारत अगर कल जीतता है तो सेमीफाइनल का उसका दावा पुख्ता हो जायेगा। दूसरी ओर पिछले मैच में ओलंपिक चैम्पियन इंग्लैंड को हराने वाली महिला टीम कल दक्षिण अफ्रीका से खेलेगी। वेल्स के हाथों पहले मैच में पराजय झेलने के बाद रानी रामपाल की अगुवाई वाली महिला टीम ने शानदार वापसी की।
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