अक्सर हम टीवी चैनलों और आयोजित कार्यक्रमों में लिंग असमानता के बारें में और उनके महत्व के बारे में सुनते रहते हैं इसके अलावा हम हमेशा लिंग असमानता के समाधान के बारे में भी सोचते रहते हैं। आखिर क्या सच में समाज में लिंग समानता की दिशा को सुधारने में कुछ हो भी रहा है या फिर यह चर्चाएं समय की बर्बादी हैं और धन की भी बर्बादी हैं।
भारत में क्रिकेट सबसे ज्यादा पंसद किया जाने वाला खेल है जिसके लाखों फैंस हैं। इसके अलावा कई भारतीय पुरुष क्रिकेटर्स भी हैं जिनका नाम दुनिया के 100 अमीर खिलाडिय़ों की लिस्ट में भी आता है।
लेकिन कभी हमें इस लिस्ट में किसी भारतीय क्रिकेट महिला का नाम क्यों नहीं सुना है। इसका कारण सबसे आसान है जो संगठन क्रिकेट टीमों यानी पुरुषों और महिलायों दोनों ही टीमों को एक ही स्तर पर रखने में सोचे लेकिन उसी संगठन ने लिंग असमानता को काफी हद तक प्रोत्साहित किया है।
हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट टीम एशिया कप 2018 में मलेशिया में खेल रही है। भारत ने पहले मैच में मलेशिया को हरा दिया है। इस मैच में मिथाली राज ने 97 रन की शानदार पारी खेली है और उन्हें प्लेयर ऑफ दी मैच का खिताब मिला है।
हालांकि जब क्रिकेट फैन्स ने अपना गुस्सा तब खोया जब उन्होंने देखा कि मिताली राज को इनाम के रूप में महज 16,000 यानी 250 अमरीकी डालर मिले हैं जबकि पुरुष क्रिकेटरों को मैन आफ दी मैच के इनाम में 1.60 लाख यानी 2500 अमरीकी डालर मिलते हैं।
इंडियन क्रिकेट टीम के आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर को कैप्शन के साथ साझा किया, मलेशिया के खिलाफ भारत ने 142 रनों की जीत ऐशिया कप के पहले गेम में ली है।
इस मैच में मिथाली ने 97 रन की नाबाद पारी खेली है और प्लेयर ऑफ द मैच का इनाम अपने नाम किया है।
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लोगों ने इंस्टाग्राम पर इससे लेकर अपनी प्रतिक्रिया कि है और कहा है कि महिला क्रिकेटरों और मिथाली राज का अपमान है। चलिए देखते हैं इसमें लोगों की प्रतिक्रिया।
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