इंडियन प्रीमियर लीग हर साल 150 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाता है। आपको बता दें कि अगले सोमावार को बीसीसीआई इंडियन प्रीमियर लीग के मीडिया राइट्स की नीलामी करेंगे। इस नीलामी से आईपीएल की 8 टीमों की तकदीर का फैसला होगा। बता दें जितनी भी आईपीएल की फ्रैंचाइजी है उसे 150 करोड़ तक का मुनाफा तो होगा ही होगा। यह मतलब हुआ कि आईपीएल के अगले सीजन के आने से पहले ही सारी की सारी टीमों को काफी तकड़ा मुनाफा मिलेगा।
अब आपको बताते हैं कि यह सब होगा किस तरीके से। भारत में जितने भी मीडिया राइट्स हैं वह सारे टीवी ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के जरिए होते हैं। उसी तरह से विदेश में टीवी और डिजिटल राइट्स भी शामिल हैं। बता दें कि अगले 5 साल में इस नीलामी से 12,000-14,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। और इसकी पूरी उम्मीद भी लगाई जा रही है। आईपीएल के जो टाइटल स्पॉन्सरशिप विवो ने इस साल के आइपीएल के पहले ही 2,199 करोड़ रुपए में खरीद लिए हैं।
विवो के अलावा तीन और चार ऑफिशल पार्टनर भी होंगे। यह औफिशल पार्टनर 2018-2022 के बीच 700-800 करोड़ रुपए का इनवैस्टमैंट करेंगे। बता दें कि बीसीसीआई को आईपीएल से अगले 5 साल में 15,000 करोड़ रुपए से खजाने में बढ़ोतरी होगी मतलब हर साल बीसीसीआई को 3,000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होगी। बीसीसीआई 2018 के बाद से आईपीएल की हर 8 फ्रेंचाइजी टीमों के साथ इस 3,000 करोड़ रुपए का 40 पर्सेंट यानि 1,200 करोड़ रुपए देगी।
एक आईपीएल फ्रैंचाइजी के टॉप एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘अभी जो लागत है, उसे देखते हुए लगता है कि अगले साल सभी टीमें ब्रेक-ईवन में आ जाएंगी। अगर खिलाड़ियों की फीस में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं होती है तो मुनाफा 50 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।’ वहीं, किंग्स इलेवन पंजाब के को-ओनर मोहित बर्मन ने बताया, ‘हम अगले साल सेंट्रल रेवेन्यू पूल के काफी अधिक रहने की उम्मीद कर रहे हैं।’
इसका पैसा ही बीसीसीआई टीमों के साथ बांटेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आईपीएल की टीमों के लिए पैसा बनाना अब तक काफी मुश्किल रहा है। बर्मन ने कहा, ‘रेवेन्यू पूल बड़ा हो और लागत में बढ़ोतरी ना हो तो इससे टीमों को फायदा होगा।’
ईटी ने जिस-जिस टीम के मालिक से बात की उन्होंने कहा कि सेंट्रल रेवेन्यू पूल में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होगी। अभी तक किसी ने भी इसका कोई भी अनुमान नहीं लगाया है। शाहरुख खान की कोलकाता नाइट राइडर्स के सीईओ वेंकी मैसूर ने कहा, ‘सेंट्रल रेवेन्यू पूल में बढ़ोतरी होगी, लेकिन मैं इस बारे में कोई अनुमान नहीं लगाना चाहता।
इससे कई टीमें मुनाफे में आ जाएंगी। हमारा मानना है कि फ्रैंचाइजी की ताकत सेंट्रल रेवेन्यू पर निर्भर नहीं करती। आपको फैन बेस और ब्रैंड तैयार करना होता है। तभी आपको अच्छा वैल्यूएशन मिलता है।’ कोलकाता नाइट राइडर्स सबसे अधिक मुनाफे वाली आईपीएल टीम है।
बता दें कि जितनी भी फ्रैंचाइजी हैं उन्हें हर साल अपनी टीम के संचालन पर 120-150 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इनमें खिलाड़ी की फीस, फ्रैंचाइजी फीस और बाकी जितने भी खर्चे होते हैं वह सब शामिल होते हैं। पिछले सीजन में हर टीम के पास खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 66 करोड़ रुपये थे जिसमें से वे ज्यादातर रकम का इस्तेमाल कर चुकी थीं। अगले सीजन से टीमों को फिक्स्ड फ्रैंचाइजी फीस नहीं देनी पड़ेगी। उन्हें बीसीसीआई को अपनी 20 पर्सेंट आमदनी फ्रैंचाइजी फीस के तौर पर देनी पड़ेगी।
एक स्पोर्ट्स मार्केटिंग एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘अगले साल से हर फ्रैंचाइजी 200 करोड़ की कंपनी होगी। सभी टीमों को मुनाफे में अगले साल से आ जानी चाहिए। अगर वे खिलाड़ियों पर बहुत पैसा खर्च नहीं करती हैं तो यह संभव है।’ उन्होंने बताया, ‘एक ही दिक्कत है कि खिलाड़ियों की नीलामी होगी और अगर इसके लिए अधिकतम रकम 100 करोड़ रुपये कर दी जाती है तो टीमें प्लेयर्स पर अधिक पैसा खर्च कर सकती हैं और इससे उनके मुनाफे में आने की संभावना कमजोर पड़ जाएगी।’
मैसूर ने बताया, ‘टीम का वैल्यूएशन आपकी ब्रैंड की ताकत पर निर्भर करता है। आपके पास कितना बड़ा फैन बेस है, इसकी भी इसमें भूमिका होती है। अगर ब्रैंड मजबूत है और दूसरे ब्रैंड आपसे जुड़ना चाहते हैं तो इससे टिकट और मर्चेंडाइज से आमदनी बढ़ेगी। अगर आप सिर्फ बीसीसीआई के सेंट्रल पूल रेवेन्यू के भरोसे रहते हैं तो आप बहुत वैल्यू क्रिएट नहीं कर रहे हैं बल्कि दूसरे कॉस्ट को सब्सिडाइज कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि सेंट्रल पूल रेवेन्यू बढ़ने से सभी फ्रैंचाइजी को खुशी होगी।’