नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के मसौदा संविधान पर न्याय मित्र द्वारा दिये गये सुझावों पर पांच जुलाई को विचार करेगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि इस मामले में अदालत की मदद कर रहे न्याय मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्मण्यम द्वारा दिये गये सुझावों को सभी पक्षों के बीच बांटा जाना चाहिए ताकि वे अपने सुझाव दे सकें।
सुब्रह्मण्यम ने तीन प्रमुख मुद्दों का जिक्र किया जिसमें क्रिकेट संघ को राजनीतिक प्रभाव से बचाना, ‘एक प्रदेश, एक वोट ’नीति और कुछ सहयोगी संगठनों को पूर्णकालिक सदस्यता शामिल थे। इन विषयों को न्यायमूर्ति आर एम लोढा समिति ने अपनी सिफारिश में उठाया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई मुद्दों पर अपने सुझाव दिये हैं और सभी पक्ष इस मामले में अपनी राय दे सकते हैं।
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