भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई की ओर से जारी की गई 26 सदस्यों की वार्षिक सूची में जिसमें 7करोड़ रुपए के नए वर्ग ए-प्लस में जिन लोगों का नाम शामिल है उसमें हाथ किसी और का नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम शामिल है।
इन दोनों खिलाडिय़ों का यह मानना था कि टीम के उन खिलाडिय़ों को अच्छे प्रदर्शन को मान्यता दी जाए और उसके अनुसार उन्हें पुरस्कृत कि जाए।
उल्लेखनीय है कि इस नए वर्ग ए-प्लस में वे खिलाड़ी शामिल हैं, जो सभी तीन प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं । इसमें शामिल पांच खिलाड़ियों- कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को सालाना तौर पर सात करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी ।
धोनी केवल वनडे और टी-20 प्रारूप में खेल रहे हैं और इस कारण उन्हें ए-वर्ग में रखा गया है, जिसके तहत उन्हें पांच करोड़ रुपये सालाना तौर पर मिलेंगे। धोनी भले ए प्लस केटेगरी से बाहर हो गए, लेकिन वह फायदे में रहे ।
कोच अनिल कुंबले ने इस चर्चा की पहल की थी। उन्होंने इस बारे में पहले वरिष्ठ खिलाड़ियों और इसके बाद कमिटि ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) से बात की ।
इस मामले पर सीओए के चेयरमैन विनोद राय और डियाना एदुलजी ने बीसीसीआई के कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के साथ चर्चा की और इसके बाद खिलाड़ियों की राय जानी। खबरों के मुताबिक , ”सबसे पहले कोहली और धोनी ने यह सुझाव दिया था। खिलाड़ी इस वर्ग को सबसे अलग तरह से चाहते थे और इसमें उन्हीं खिलाड़ियों को शामिल चाहते थे, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया हो।”
राय ने कहा, ”उनका कहना था कि इस वर्ग में उन्हीं खिलाड़ियों को रखा जाए, तो तीनों प्रारूपों में खेलते हुए आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष-10 खिलाड़ियों की सूची में शामिल हों। यह एक ऐसा वर्ग था, जहां बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को उसके प्रदर्शन के अनुसार, पुरस्कृत किया जाए।”
सीओए चेयरमैन राय के अनुसार, इस वर्ग की खास बात यह है कि इसमें शामिल खिलाड़ी स्थायी नहीं रहेंगे, बल्कि इसमें वहीं खिलाड़ी शामिल होंगे, जो तीनों प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन करेंगे। अगर नहीं कर पाए, तो वे फिसल कर निचले वर्ग में चले जाएंगे।
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