भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा जो अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करके टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 खिलाड़ी बने हैं। रवींद्र जडेजा की सफलता केपीछे एमएस धोनी और विराट कोहली का क्रेडिट दिया जाए तो गलत नहीं होगा।
जब टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी थे तब ही जडेजा ने अपना इंटरनेशनल क्रिकेट शुरू किया था। उस समय ही उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। जडेजा अब विराट की कप्तानी में टेस्ट के नंबर वन ऑलराउंडर और बॉलर बने हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीम इंडिया के कर्ई ऐसे दिग्गज क्रिकेटर्स हैं जिन्हें धोनी ने बार-बार टीम में मौके देगे आज का क्रिकेट का स्टार बना दिया है। इस लिस्ट में भारतीय टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का नाम भी आता है।
धोनी ने विराट को टीम से बाहर जाने से बचाया था
एमएस धोनी ने जब जनवरी, 2017 में वनडे और टी20 की कप्तानी को छोड़ा दिया था उस समय विराट ने इस बात का खुलासा किया था कि धोनी ने उन्हें टीम से बाहर होने से बचाया था। विराट ने कहा था कि धोनी ने हमेशा उन्हें उनके कैरियर में गाइड किया है और हमेशा मौके दिए हैं। उन्होंने कहा कि धोनी ने हमेशा उनके खेल में सुधारने में मदद की है। विराट ने कहा कि कई बार धोनी ने उन्हें टीम से बाहर होने से बचाया है।
विराट ने कहा कि धोनी हमेशा मेरे कप्तान रहेंगे। हालांकि विराट कोहली ने धोनी की कप्तानी में ही इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। सहवाग ने भी बताया था कि साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुए पर्थ टेस्ट में सिलेक्टर्स विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को टीम में लेना चाहते थे।
उस समय टीम के कप्तान धोनी और उप-कप्तान सहवाग थे। उस समय धोनी ने विराट पर भरोसा दिखाया था और टीम में बनाए रखा था। उसके बाद जो हुआ वह हम सबके सामने ही है। पर्थ टेस्ट में विराट कोहली ने 44 और 75 रन की पारी खेली थी उसके बाद उन्होंने एडिलेड में हुए अगले टेस्ट में अपने टेस्ट कैरियर की पहली सेन्चुरी 116 रन बनाए थे।
रोहित शर्मा
भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने अपने बतौर ओपनिंग की सक्सेस का क्रेडिट धोनी को दिया हुआ है। बात दें कि साल 2013 रोहित शर्मा के क्रिकेट कैरियर का गोल्डन ईयर रहा था। रोहित शर्मा का इससे पहले वनडे में बैटिंग का एवरेज 30 था। साल 2013 में जब चैम्पियंस ट्रॉफी खेली जा रही थी तब धोनी ने रोहित को मैच में ओपनिंग की जिम्मेदारी दी थी।
रोहित ने धोनी के भरोसे का मान रखा और उन्होंने टूर्नामेंट के 5 मैैचों में 177 रन बनाए थे। रोहित इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में चौथे नंबर पर थे। उसके बाद से तो रोहित शर्मा टीम इंडिया केबेस्ट ओपनर बन गए हैं।
रोहित शर्मा ने साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी वनडे कैरियर की पहली डबल सेन्चुरी 209 रन बनाए थे। रोहित शर्मा साल 2013 के अंत तक आते-आते उनके वल्र्ड के दूसरे रन बनाने वाले बैट्समैन बन गए थे। रोहित की कई बार खराब प्रदर्शन की वजह से भी धोनी ने उन्हें लगातार मौके दिए।
धोनी ने सबसे पहले रोहित को जनवरी 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ ओपनिंग करने के लिए भेजा था। उस मैच में रोहित ने 93 गेंदों में 83 रन की शानदार पारी खेली थी। ये तब हुआ था जब श्रीलंका सीरीज में रोहित ने 5 मैचों में महज 13 रन ही बनाए थे।
हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या की बात करें तो आज वह टीम इंडिया के हर फॉर्मेट के स्टार ऑलराउंडर बन गए हैं। हार्दिक का कैरियर दो साल से भी कम का है और यह सब धोनी के कारण ही संभव हुआ है। हार्दिक पांड्या ने धोनी की कप्तानी में 26 जनवरी, 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मैच से डेब्यू किया था।
हार्दिक ने 3 मैच में 3 विकेट लेकर बहुत ही किफायती बॉलिंग की थी। इसके बाद पांड्या ने धोनी की कप्तानी में न्यूजीलैंड सीरीज में अक्टूबर 2016 में वनडे में डेब्यू किया था। धोनी ने मार्च 2016 में हुए टी-20 वल्र्ड कप में भी पांड्या पर भरोसा दिखाते हुए बांग्लादेश के खिलाफ मैच के आखिरी ओवर की जिम्मेदारी दी थी।
आर.अश्विन
भारत क्रिकेटर आर.अश्विन बहुत सालों तक तमिलानाडू से रणजी क्रिकेट खेल रहे हैं और उन्हें आईपीएल से पहचान मिली थी। आर.अश्विन आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेलते थे तभी वह लाइमलाइट में आए थे। चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान धोनी ही थे।
अश्विन की चेन्नई सुपरकिंग्स में शानदार प्रदर्शन के बाद ही धोनी ने उन्हें साल 2010 में वनडे और टी-20 में मौका दिया था उसके बाद साल 2011 में टेस्ट टीम में मौका दिया था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड टूर में अश्विन कुछ ज्यादा सफल साबित नहीं हुए।
उस टूर में वह बहुत ज्यादा खर्चीले हुए। धोनी ने कई बार अश्विन को सपोर्ट किया है। अश्विन ने अपने अब तक के कैरियर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 मैचों में 21 विकेट लिए हैं। तो वहीं इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट में महज 3 विकेट ही ले पाए हैं।
सुरेश रैना
रैना और धोनी के बीच जो बॉन्डिंग है वह सबको ही पता है। भारतीय टीम के अलावा यह दोनों खिलाड़ी आईपीएल में भी साथ क्रिकेट खेलते हैं। यह दोनों पिछले 8 सालों से एक ही टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ खेल रहे हैं। धोनी जब भी किसी भी वजह से मैच या सीरीज से बाहर होते थे तो उस समय वह रैना को कप्तानी सौंप देते थे।
रैना ने अपने क्रिकेट कैरियर में 12 वनडे और 3 टी-20 मैचों में कप्तानी की है। रैना को कई बार धोनी ने टीम में 3 नंबर पर खेलने का मौका दिया है। लेकिन रैना ने अपने आपको इस पोजिशन पर खुद को कभी भी साबित नहीं किया है।
उसके बाद विराट कोहली ने इस नंबर पर आना शुरू कर दिया और इस नंबर पर ऐसे जम गए। जब धोनी ने टेस्ट से दिसंबर 2014 में रिटायरमेंट ली थी तो उसके बाद उन्होंने अपनी जर्सी तक रैना को दे दी थी।
रवींद्र जडेजा
जडेजा ने टीम इंडिया में साल 2009 में वनडे और टी-20 में डेब्यू किया था उसके बाद उन्होंने 2012 में टेस्ट में डेब्यू किया। साल 2013 में जडेजा का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने साल 2012 में जडेजा को खरीद लिया।
यहीं से उनका प्रदर्शन काफी अच्छा हुआ। धोनी ने जडेजा को हर आईपीएल में मौके दिए हैं। जडेजा का साल 2013 में वनडे क्रिकेट में बॉलिंग एवरेज 38 से ज्यादा का था लेकिन इसी साल जडेजा ने 34 मैचों में 52 विकेट लेकर अपने कैरियर का यह साल गोल्डन ईयर बनाया। अब वह दुनिया के टॉप 10 बॉलर्र्स की सूची में तीसरे नंबर पर हैं।
अधिक जानकारियों के लिए यहाँ क्लिक करे