नयी दिल्ली : भारतीय डेविस कप टीम के रिजर्व टेनिस खिलाड़ी दिविज शरण ने चीन के खिलाफ उसकी सरजमीं परहोने वाले मुकाबले के लिए नहीं जाने का फैसला किया है। बाएं हाथ के 32वर्षीय खिलाड़ी के इस कदम से खिलाड़ियों के लिए आचार संहिता की शुरूआत करने का मार्ग जल्द ही प्रशस्त हो सकता है। शरण छह और सात अप्रैल को होने वाले मुकाबले के लिए चीन के तियानजिन उसी शर्त पर जाना चाहते है जब टीम को उनकी सेवाओं की जरूरत हो।
उनके इस फैसले से हालांकि अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटए) की चयन समिति नाराज है। शरण युगल विश्व रैंकिंग में 44वें स्थान पर काबिज है और रोहन बोपन्ना (विश्व युगल रैंकिंग 20) के बाद देश के दूसरे शीर्ष रैकिंग वाले खिलाड़ी है। लेकिन टीम में दिल्ली के इस खिलाड़ी की जगह अनुभवी लिएंडर पेस को चुना गया है जिनकी विश्व रैंकिंग 45है। पेस बोपन्ना के साथ युगल मुकाबले के लिए उतरेंगे। इस मुकाबले को जीतने पर भारतीय टीम एलीट विश्व ग्रुप में जगह बनाने की दौड़ में शामिल हो जाएगी। यह पता चला है कि शरण टीम के साथ उसी शर्त पर यात्रा करना चाहते है जब मैदान में उनका उतरना सुनिश्चित हो।
हालांकि आखिरी समय में पेस और बोपन्ना में से अगर कोई चोटिल होता है तो उन्हें खेलने का मौका मिल सकता है। टीम में शामिल एक अन्य खिलाड़ी युकी भांबरी भी मामूली चोट के कारण इस मुकाबले से हट गये हैं। एआईटीए ने शरण के फैसले को स्वीकार कर लिया है लेकिन उनके इस कदम ने चयन समिति और टीम प्रबंध को नाराज कर दिया है। एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने बताया, ‘‘उन्होंने हमें लिखा है कि वह अमेरिका में रूकना चाहते है और वहां अभ्यास करना चाहते है। उन्होंने कहा, ‘‘शायद समय आ गया है कि खिलाड़ियों को स्पष्ट रूप से बताया जाए कि क्या स्वीकार्य है।
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