निजनी नोवगोरोद : कप्तान हैरी केन की हैट्रिक की बदौलत इंग्लैंड ने विश्व कप ग्रुप जी के अपने दूसरे मैच में यहां पनामा को 6-1 से रौंदकर लगातार दूसरी जीत के साथ नाकआउट के लिए क्वालीफाई किया। इंग्लैंड की विश्व कप फाइनल्स के इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत है। टीम ने 1966 में खिताब जीतने के बाद पहली बार विश्व कप के किसी मैच में चार से अधिक गोल किये हैं। निजनी नोवगोरोद स्टेडियम में हैरी केन (22वें, 45 प्लस 1 और 62वें मिनट) की हैट्रिक के अलावा इंग्लैंड की ओर से जान स्टोन्स (आठवें और 40वें मिनट) ने दो जबकि जेसी लिंगार्ड (36वें मिनट) ने एक गोल किया।
पनामा की ओर से एकमात्र गोल स्थानापन्न फेलिप बेलोय (78वें मिनट) ने किया जो टीम का विश्व कप में पहला गोल है। केन मौजूदा टूर्नामेंट में पांच गोल के साथ गोल्डन बूट की दौड़ में सबसे आगे हैं। इंग्लैंड की इस जीत के साथ बेल्जियम ने भी ग्रुप जी से अंतिम 16 में जगह बना ली। बेल्जियम की टीम भी इंग्लैंड की तरह ही अपने दोनों मैच जीतकर छह अंक जुटा चुकी है और दोनों टीमों का गोल अंतर भी प्लस छह है। पनामा की टीम लगातार दो हार के साथ टूर्नामेंट से बाहर हो गई है जबकि अपने पहले दो मैच हार चुकी ट्यूनीशिया की टीम का सफर भी ग्रुप चरण में ही थम गया। इंग्लैंड की टीम ने मैच में दमदार शुरुआत की। पनामा की टीम के खेल में एक बार फिर रफ खेल की झलक दिखी। मैच के दूसरे ही मिनट में गैब्रिएल गोमेज से टकराकर जेसी लिंगार्ड मैदान पर गिर गए लेकिन इंग्लैंड के मेडिकल स्टाफ ने उन्हें आगे खेलने की स्वीकृति दी।
पनामा के एडगर बार्सेनास ने पांचवें मिनट में केन के पास को बीच में रोका लेकिन उनका दमदार शाट गोल से कुछ दूरी से बाहर निकल गया। इंग्लैंड ने आठवें मिनट में बढ़त बनाई। कीरन ट्रिपर ने दायें छोर से मूव बनाया लेकिन एरिक डेविस ने उन पर फाउल कर दिया जिससे इंग्लैंड को कार्नर मिला। ट्रिपर की कार्नर किक को स्टोन्स ने हेडर से गोल में पहुंचाकर इंग्लैंड को 1-0 की बढ़त दिलाई। पनामा के खिलाड़ी धैर्य के साथ नहीं खेल पार रहे थे और इसका असर दो मिनट बाद दिखा जब अर्मांडो कूपर ने लिंगार्ड को गिरा दिया और उन्हें लगातार दूसरे मैच में पीला कार्ड दिखाया गया जिससे वह ट्यूनीशिया के खिलाफ अपनी टीम के तीसरे और अंतिम लीग मैच में नहीं खेल पाएंगे। इंग्लैंड ने 22वें मिनट में बढ़त को दोगुना कर दिया।
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