कोलकाता : पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख नजम सेठी का मानना है कि भारत-पाक द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की बहाली पूरी तरह से भारत की इच्छा पर निर्भर करती है। दोनों पड़ोसी देशों के बीच मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक रिश्तों और सुरक्षा स्थिति के कारण द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों पर विराम लगा हुआ है। बीसीसीआई केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने पर ही पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेल सकता है। फिलहाल दोनों देश 50 ओवर के विश्व कप, चैंपियन्स ट्राफी , विश्व टी 20 या एशिया कप जैसी कई टीमों की प्रतियोगिताओं में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं।
सेठी ने कहा कि सबसे पहले तो दोनों देशों को उपमहाद्वीप के लोगों के लिए आपस में खेलना चाहिए। दूसरी बात, गेंद बीसीसीआई के पाले में है। उम्मीद करते हैं कि समय रहते सही कदम उठाया जाएगा और दोनों टीमें दोबारा अच्छा क्रिकेट खेल पाएंगी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें इसका अच्छा हल निकालना ही होगा। पीसीबी ने 2014 के सहमति पत्र का उल्लंघन करते हुए द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने से इनकार करने पर भारत के खिलाफ सात करोड़ डालर के मुआवजे का दावा किया है। इस एमओयू के तहत 2015 और 2023 के बीच दोनों टीमों को छह द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेलनी थी। तीन सदस्यीय आईसीसी पैनल अक्तूबर में इस दावे पर सुनवाई करेगा।
सेठी ने कहा कि पंचाट के आदेश के अनुसार मुझे इस मुद्दे पर चर्चा करने की आजादी नहीं है। इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। यह पंचाट का आदेश है। सेठी ने कहा कि देखिये, फिलहाल भारत ने किसी भी मैच में पाकिस्तान को जगह नहीं दी है। हमारी स्थिति यह है कि हम जिस भी करार पर हस्ताक्षर करेंगे वह पंचाट के फैसले पर निर्भर करेगा। अगर पंचाट इसे हमारे पक्ष में रखता है तो इसके अनुसार एफटीपी में बदलाव करना होगा।’’
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