लंदन : इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह की आखिरी सत्र में घातक गेंदबाजी से भारत ने शुक्रवार को यहां शानदार वापसी करके इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच का पहला दिन पूरी तरह से अपने नाम कर दिया। इंग्लैंड का स्कोर एक समय एक विकेट पर 133 रन था लेकिन पहले दिन का खेल समाप्त होने तक वह सात विकेट पर 198 रन बनाकर जूझ रहा था। पहले दो सत्र में विकेट से महरूम रहे इशांत ने 28 रन देकर तीन और बुमराह ने 41 रन देकर दो विकेट लिये हैं। स्पिनर रविंद्र जडेजा ने भी 57 रन के एवज में दो विकेट हासिल किये। मोहम्मद शमी ने भी अच्छी गेंदबाजी की लेकिन उन्हें विकेट नहीं मिला।
अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल रहे एलिस्टेयर कुक की धीमी लेकिन ठोस पारी और दूसरे छोर से मोईन अली के पिच पर टिके रहने के दृढ़ इरादों के कारण भारत पहले दो सत्र में केवल एक विकेट हासिल कर पाया लेकिन चाय के विश्राम के बाद एकदम से कहानी बदल गयी। कुक ने बेहद धीमी बल्लेबाजी की लेकिन वह पिछली नौ पारियों के बाद पहली बार अर्धशतक जमाने में सफल रहे। उन्होंने 190 गेंदें खेलकर 71 रन बनाये तथा इस बीच अपने सलामी जोड़ीदार कीटोन जेनिंग्स (23) के साथ पहले विकेट के लिये 60 और मोईन अली (50) के साथ तीसरे विकेट के लिये 73 रन की उपयोगी साझेदारियां की।
टीम इंडिया ने कुक को दिया ‘गार्ड ऑफ ऑनर’
तीसरा सत्र पूरी तरह से भारत के नाम रहा जिसमें उसने छह विकेट हासिल किये। बुमराह ने कुक और कप्तान जो रूट (शून्य) को चार गेंद के अंदर पवेलियन भेजकर भारत को वापसी दिलायी। कुक के लिये उनकी मूव करती गेंद बल्ले को चूमकर विकेट पर लगी जबकि बुमराह की इनस्विंगर रूट के समझ से परे थी। वह उनके पैड पर टकरायी और जोरदार अपील पर अंपायर की उंगली उठ गयी। भारत ने मोईन और कुक के खिलाफ अपने दोनों रिव्यू गंवा दिये थे लेकिन रूट ने डीआरएस का सहारा लिया। उन्हें हालांकि इसका फायदा नहीं मिला और इंग्लैंड के कप्तान को बिना खाता खोले पवेलियन लौटना पड़ा। इशांत ने अगले ओवर में जेमी बेयरस्टॉ को भी खाता नहीं खोलने दिया।