नई दिल्ली : भारत की 2011 के एकदिवसीय विश्व कप की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। 35 वर्षीय मुनाफ ने भारत के लिए आखिरी बार 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था। उन्होंने भारत का 13 टेस्ट, 70 एकदिवसीय और तीन ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रतिनिधित्व किया और तीनों फॉर्मेट में कुल 125 विकेट लिए। उन्होंने टेस्ट में 35, वनडे में 86 और ट्वंटी-20 में चार विकेट लिए। भरुच एक्सप्रेस के नाम से मशहूर मुनाफ एक समय भारत के सबसे तेज गेंदबाज माने जाते थे।
वह अब क्रिकेट कोचिंग में जाना चाहते हैं और यूएई में होने वाली टी-10 लीग में हिस्सा लेंगे। भारत की 28 साल के लम्बे अंतराल के बाद 2011 में विश्व कप जीत में मुनाफ ने अहम भूमिका निभाई थी। मुनाफ ने मार्च 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में अपना पहला टेस्ट, अप्रैल में मडगांव में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला वनडे और जनवरी 2011 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला ट्वंटी-20 खेला था। अपने संन्यास की घोषणा करते हुए मुनाफ ने कहा, ‘मुझे कोई अफ़सोस नहीं है। मैं जितने भी क्रिकेटर के साथ खेला, उसमें महेंद्र सिंह धोनी के अलावा सब रिटायर हो चुके हैं।
सबका समय खत्म हो चुका है, मुझे तब दुख होता, अगर मेरे साथ के खिलाड़ी भी खेल रहे होते और मैं संन्यास ले लेता। इसलिए संन्यास लेने का समय आ गया है। मुझे खुशी है कि मैं भारत की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा था। मैं अब चाहता हूं कि युवाओं को मौका मिले।’ मुनाफ ने भारत के लिए दो विश्व कप खेले। मुनाफ साल 2007 और 2011 के विश्व कप में टीम इंडिया का हिस्सा थे। 2007 में मुनाफ ने 3 मैचों में 4 और 2011 में 8 मैचों में 11 विकेट हासिल किए थे। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने दो विकेट भी हासिल किए थे। तेज गेंदबाज ने अपना आखिरी टेस्ट जुलाई 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ, आखिरी एकदिवसीय 2011 में ही इंग्लैंड के खिलाफ कार्डिफ में और 2011 में अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टी- 20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।