नई दिल्ली : भले ही अपनी मेजबानी में आयोजित पिछले फीफा वर्ल्ड कप में ब्राजील को जर्मनी के हाथों शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा और उसे बाहर का रास्ता देखना पड़ा था किन्तु एक बार फिर ब्राजील को खिताब के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। पेले महान के देश में फुटबॉल का जुनून सर चढ़कर बोलता है। यही कारण है कि उसके स्टार खिलाड़ियों को भगवान् स्वरूप आंका जाता है और पूजा जाता है। तारीफ़ की बात यह है कि साम्बा फुटबॉल के चाहने वाले दुनियाभर में हैं। पेले , रोमारियो, रिवाल्डो, रोनाल्डो, रोनाल्डिन्हो को जितना सम्मान अपने देश में मिलता है उतना ही अन्य देश भी उन्हें पसंद करते हैं। रियो में खेले गए वर्ल्ड कप में ब्राजील के खेवनहार के रूप में देखे जा रहे नेमार जूनियर की चोट दुर्भाग्य बन कर सामने आई और उसके टूर्नामेंट से हटते ही वह सब हुआ जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की होगी।
तब नेमार की पीड़ा को जितना ब्राजील ने महसूस किया दुनियां भर के फुटबॉल प्रेमियों ने भी उतना ही अफ़सोस व्यक्त किया था। लेकिन चार साल में बहुत कुछ बदल गया है। पेरिस सेंट जर्मन के लिए रिकार्ड कीमत में बिकने वाले और बार्सिलोना के स्टार खिलाड़ी के रूप में बड़ी पहचान कायम करने वाले नेमार अब ज्यादा परिपक्व हो गए हैं। एक बार फिर से चोट से उबरने के बाद अब वर्ल्ड कप कि तैयारी में जुट गए हैं और गोल दागने लगे हैं। ब्राजील के लिए अच्छी बात यह है कि उसके खेमे में कई नए और युवा खिलाडी जगह बनाने में सफल रहे हैं और कुछ अनुभवी खिलाडी और बेहतर कर रहे हैं। स्पेन, इंग्लैण्ड, जर्मन, डच , इटली आदि देशों कि लीग खेलने वाले खिलाडी अब ब्राजील को ऊंचाइयां देने के लिए तैयार हैं।
नेमार के अलावा मार्सेलो, डेनी एल्विस, थियागो सिल्वा, कोटिन्हो, पोलिन्हो, फर्मिनो आदि खिलाड़ी ब्राज़ील को मजबूती देते हैं। ब्राजील की सबसे बड़ी पूंजी उसका रिकार्ड रहा है 20 में से पांच बार वर्ल्ड कप जीतना उसे एक और खिताब के दावेदार के रूप में उभारता है। अर्थात यह लेटिन अमेरिकी देश छठी जीत के लिए पूरी तैयारी में है। 2002 में उसने आखरी बार कप जीता था। दुनियाभर के फुटबॉल एक्सपर्ट्स भी ब्राजील को सबसे संतुलित टीम मान रहे हैं। अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी मेस्सी भी ब्राजील को सबसे पहली पसंद मान चुके हैं। यदि ब्राज़ील विजेता बनता है तो नेमार का कद बढ़ना स्वाभाविक है। शायद उन्हें पेले के समकक्ष माना जाए।
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(राजेंद्र सजवान)