नानजिंग : ओलंपिक रजत पदक विजेता पी वी सिंधू ने अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए यहां जापान की अकेनी यामागुची को महिला एकल सेमीफाइनल के संघर्षपूर्ण मैच में सीधे गेम में हराकर लगातार दूसरी बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। पिछले साल जापान की नोजोमी ओकुहारा से हारने के कारण उप विजेता रही विश्व की तीसरे नंबर की सिंधू ने 55 मिनट तक चले मैच में विश्व में दूसरे नंबर की यामागुची को 21-16, 24-22 से हराया। सिंधू ने मैच के बाद कहा कि यह कुल मिलाकर अच्छा मैच था। उम्मीद है कि इस बार मुझे पिछली बार की तुलना में बेहतर परिणाम मिलेगा। मुझे कल के लिये अच्छी तैयारी करनी होगी। इसलिए अभी काम खत्म नहीं हुआ है।
इस मैच से पहले सिंधू का यामागुची के खिलाफ रिकार्ड 6-4 था। इस साल दोनों का दो बार मुकाबला हुआ जिसमें उन्होंने एक एक जीत दर्ज की। विश्व चैंपियनशिप में 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीतने वाली 23 वर्षीय सिंधू कल होने वाले फाइनल में स्पेन की कारोलिना मारिन से भिड़ेगी जो दो बार की स्वर्ण पदक विजेता हैं। मारिन ने रियो ओलंपिक के फाइनल में सिंधू को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। ओवरऑल मारिन का सिंधू के खिलाफ रिकार्ड 6-5 है। सिंधू ने इस साल जून में मलेशिया ओपन में स्पेनिश खिलाड़ी को हराया था। मारिन ने आज चीन की आठवीं वरीयता प्राप्त ही बिंगजियाओ को 13-21, 21-16, 21-13 से हराकर तीसरी बार विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया। सिंधू शुरू में नर्वस दिखी।
सिंधू सेमीफाइनल में, साइना हारकर बाहर
उन्हें लय हासिल करने में समय लगा और यामागुची ने तब तक 5-0 की बढ़त बना दी। जब स्कोर 4-8 था तब सिंधू ने लगातार पांच अंक बनाये और 9-8 से बढ़त हासिल कर ली। हालांकि इंटरवल के समय जापानी खिलाड़ी 11-0 से मामूली बढ़त लिये हुए थी। इसके बाद सिंधू ने बेहतर खेल दिखाया तथा लगातार आठ अंक बनाकर 18-12 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद हालांकि दो बार उनका शाट बाहर गया जिससे यामागुची को वापसी का मौका मिला। भारतीय खिलाड़ी के पास चार ब्रेक प्वाइंट थे और वह इनमें से पहले पर गेम अपने नाम करने में सफल रही। दूसरे गेम में भी शुरू में सिंधू एक समय 2-6 से पीछे थी लेकिन इस भारतीय ने अंतर 7-8 कर दिया।