नई दिल्ली : राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि साइना नेहवाल और पीवी सिंधू उनके दो अनमोल रत्न हैं और वह उनसे 2020 के टोक्यो ओलम्पिक में पदक का रंग बदलने की उम्मीद करते हैं। गोपीचंद ने फिक्की महिला संगठन द्वारा भारतीय बैडमिंटन की गोल्डन गर्ल्स साइना और सिंधू के लिए आयोजित सम्मान समारोह में दिलों को छू जा जाने वाली यह बात कही। राष्ट्रीय कोच से यह पूछने पर कि वह इन दो चैंपियन खिलाड़ियों से कैसा व्यवहार करते है, गोपी ने कहा कि यह वाकई काफी मुश्किल है। मैं इन दोनों चैंपियन को अनमोल हीरे की तरह सहेज कर रखता हूं। मैं अपने करियर में ओलम्पिक पदक नहीं जीत पाया था लेकिन मुझे खुशी है इन दोनों ने मेरा यह सपना पूरा कर दिया।
उन्होंने कहा कि मैं इनसे ही नहीं अपने बाकी खिलाड़ियो से ढेरों पदक की उम्मीद रखता है और मैं चाहता हूं कि ये दोनों खिलाड़ी अगले ओलम्पिक में अपने पदक का रंग बदलें। उल्लेखनीय है कि साइना ने 2012 के लंदन ओलम्पिक में कांस्य और सिंधू ने 2016 के रियो ओलम्पिक में रजत पदक जीता था। दोनों के मुकाबले में भिड़ने और एक के जीतने तथा दूसरे के हारने की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर गोपी ने कहा कि मेरे लिए यह कोई नयी बात नहीं है। ऐसा मेरी अकादमी में रोजाना ही होता है जब दोनों आपस में अभ्यास करती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों मेरी शिष्य हैं और मैं सिर्फ यही चाहता हूं कि कोई हारे या जीते लेकिन दोनों अपने खेल में सुधार करती रहे और अपने खेल को नये स्तर पर ले जाएं। मेरे लिए सबसे बड़ी बात यही होगी कि वे दुनिया की अन्य खिलाड़ियों को हरायें।
उल्लेखनीय है कि हाल में राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में साइना से सिंधू को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। गोपी ने साथ ही कहा कि मेरा यही मानना है कि सीनियर को जूनियर से चुनौती मिले जबकि जूनियर अपने सीनियर का पूरा सम्मान करे और दोनों यही करती हैं। एक कोच के लिए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। दोनों से उनके लिए गोपी के मायने के बारे में पूछे जाने पर सिंधू ने कहा कि वह आंख बंद कर उनकी बात पर यकीन करती हैं और साइना ने कहा कि मुश्किल स्थिति में वह हमेशा कोच की तरफ सलाह के लिए देखती हैं।
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(राजेन्द्र सजवान)