ग्वांग्झू : भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू ने अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए शनिवार को यहां लगातार दूसरी बार विश्व टूर फाइनल्स के खिताबी मुकाबले में जगह बनायी लेकिन पुरूष एकल में समीर वर्मा को हार का सामना करना पड़ा। पिछली बार उप विजेता रही सिंधू ने संघर्षपूर्ण सेमीफाइनल में थाईलैंड की रतनाचोक इंतानोन की कड़ी चुनौती से पार पाकर 54 मिनट तक चले मैच में 21-16, 25-23 से जीत दर्ज की।
समीर को हालांकि पुरूष एकल के सेमीफाइनल में दूसरे गेम में एक मैच प्वाइंट गंवाने का खामियाजा भुगतना पड़ा और आखिर में उन्हें ऑल इंग्लैंड चैंपियन व विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता चीन के शी युकी से 21-12, 20-22, 17-21 से हार का सामना करना पड़ा। सिंधू का मैच से पहले 2013 की चैंपियन थाई खिलाड़ी के खिलाफ 3-4 का रिकार्ड था लेकिन सिंधू ने हाल के अपने रिकार्ड को बरकरार रखा। वह पिछले दो साल से इंतानोन से नहीं हारी है।
ओलंपिक रजत पदक विजेता का सामना अब फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से होगा जिनसे वह पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में हार गयी थी। सिंधू और इंतानोन ने शुरू से ही एक दूसरे को कड़ी चुनौती दी। सिंधू ने अपने दमदार रिटर्न से इंतानोन पर दबाव बनाने की कोशिश की और 10-7 से बढ़त बना ली। भारतीय खिलाड़ी ने ब्रेक से पहले दो अंक गंवाये और इंटरवल तक वह 11-9 से आगे थी।
मानसिक रूप से अधिक मजबूत हो गयी हूं : सिंधू
सिंधू ने मैच के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने अपने खेल में सुधार किया है। मैं अब पहले की तुलना में मानसिक रूप से अधिक मजबूत हो गयी हूं क्योंकि पहले मैं अंक गंवाने पर उसके बारे में काफी सोचने लग जाती थी।’
विश्व में छठे नंबर की 23 वर्षीय सिंधू ने रियो ओलंपिक, पिछली दो विश्व चैंपियनशिप और जकार्ता एशियाई खेलों सहित कुछ प्रमुख टूर्नामेंटों में फाइनल गंवाया है लेकिन उन्होंने कहा कि उन पर इसका कोई दबाव नहीं है।
सिंधू ने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि मैंने कई रजत पदक जीते हैं लेकिन इसका कोई दबाव नहीं है। मैंने पिछले चार मैचों में जैसा खेल दिखाया है वैसा ही आगे भी जारी रखूंगी। अगर मैं यह खिताब जीतती हूं तो यह मेरे लिये काफी मायने रखेगा।’’