नई दिल्ली : टीम इंडिया शनिवार से श्रीलंका के खिलाफ होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच को बड़े अंतर से जीतना चाहेगी। मेजबान टीम की निगाहें इस सीरीज पर कब्जा जमाने के साथ ही लगातार सबसे ज्यादा जीत के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी पर रहेगी। श्रीलंका इस मैच को जीतकर सीरीज में बराबरी के लिए पूरी ताकत लगाएगी।
दोनों टीमों के बीच सीरीज का कोलकाता में खेला गया पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था, जबकि भारतीय टीम ने नागपुर में दूसरे मैच में अपने टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड बराबर करते हुए श्रीलंका को पारी और 239 रन से शिकस्त दी थी। ऐसे में यदि यह टेस्ट ड्रॉ भी रहता है तो भारत लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगा। अब तक सिर्फ दो ही टीमें लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीत सकी हैं। सबसे पहले इंग्लैंड ने 1884 से 1892 के बीच यह उपलब्धि हासिल की थी और उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 2005-06 से 2008 के बीच इंग्लैंड के इस रिकॉर्ड की बराबरी की थी। कोहली की कप्तानी में पिछली आठ टेस्ट सीरीज जीत चुकी टीम इंडिया के पास अब इस सूची में शुमार होने का सुनहरा मौका है।
भारत ने पिछली टेस्ट सीरीज 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसी की सरजमीं पर गंवाई थी। तब उसे चार मैचों की सीरीज में 0-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से भारत ने नौ सीरीज खेलीं और वह लगातार आठ सीरीज जीतकर इतिहास रचने की दहलीज पर है। पिछली आठ सीरीज जीत में से भारत ने स्वदेश में पांच, श्रीलंका में दो और वेस्टइंडीज में एक सीरीज पर कब्जा जमाया। दूसरी ओर, कोहली के पास इस मैच को जीतकर भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान के रूप में सौरव गांगुली की बराबरी करने का मौका है। गांगुली की कप्तानी में भारत ने 49 टेस्ट में से 21 जीते, जबकि कोहली की अगुआई में भारत अब तक 31 टेस्ट में से 20 में जीत दर्ज कर चुका है। भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धौनी हैं जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 60 टेस्ट में से 27 अपने नाम किए हैं।
दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल दौरे से पहले यह भारत के लिए अंतिम टेस्ट मैच होगा। ऐसे में टीम प्रबंधन की इच्छा के अनुरूप कोटला में भी कोलकाता और नागपुर की तरह अधिक घास वाली पिच पर मैच हो सकता है। हालांकि, कोलकाता में तेज गेंदबाजों ने कहर बरपाया था, जबकि नागपुर में स्पिनर प्रभावी रहे थे। प्रबंधन के सामने यह भी परेशानी होगी कि वह टीम में कोलकाता की तरह पांच गेंदबाजों को शामिल करे या नागपुर की तरह चार गेंदबाजों को उतारकर अतिरिक्त बल्लेबाज को मौका दे। अगर भारत पांच गेंदबाजों के साथ उतरता है तो उप कप्तान अजिंक्य रहाणे को बाहर बैठाना पड़ सकता है। मौजूदा सीरीज की तीन पारियों में वह एक बार भी दोहरे अंक तक नहीं पहुंचे हैं। दूसरी तरफ रोहित शर्मा ने एक साल से भी अधिक समय बाद टीम में वापसी करते हुए नागपुर में शतक जड़ा था, जिसके कारण उन्हें बाहर करना आसान फैसला नहीं होगा।
टीम इंडिया सलामी जोड़ी को लेकर भी पशोपेश में होगी। निजी कारणों से पिछले मैच में बाहर रहने वाले शिखर धवन और केएल राहुल में से एक को अंतिम एकादश से बाहर रहना पड़ सकता है, क्योंकि मुरली विजय नागपुर में शतक जड़कर सलामी बल्लेबाज के रूप में अपना दावा मजबूत कर चुके हैं। मध्य क्रम में कोहली का साथ बेहतरीन फॉर्म में चल रहे चेतेश्वर पुजारा, रोहित और विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा निभा सकते हैं। हालांकि, रहाणे को मौका मिला है तो वह कोटला पर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे। यहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दिसंबर 2015 में हुए पिछले मैच की दोनों पारियों में शतक जड़े थे। जहां तक स्पिन गेंदबाजी की बात है तो रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी एक बार फिर मैदान पर दिख सकती है। तेज गेंदबाजों में इशांत शर्मा, मुहम्मद शमी और उमेश यादव दावेदार होंगे।
दूसरी तरफ श्रीलंका को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में जूझना पड़ा है। कप्तान दिनेश चांदीमल ने दो मैचों में 166 रन बनाए हैं, लेकिन उनके अलावा टीम का कोई भी बल्लेबाज सीरीज में 100 रन के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया है। गेंदबाजी में तेज गेंदबाज सुरंगा लकमल के अलावा अन्य गेंदबाजों ने निराश किया है।
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