नई दिल्ली: राहुल द्रविड़ के चेलों ने अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में करोड़ों भारतीयों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ऑस्ट्रेलिया को पटखनी देकर खिताब अपनी झोली में डाल लिया । यह चौथा मौका रहा, जब भारत ने जूनियर विश्व कप जीता है। इससे पहले भारत ने मोहम्मद कैफ की कप्तानी में साल 2000, विराट कोहली के नेतृत्व में साल 2008, उन्मुक्त चंद की कप्तानी में 2012 अब पृथ्वी शॉ के अंडर में अब चौधी बार भारतीय जूनियरों ने विश्व कप जीतने का कारनामा कर दिखाया है।
भारत की इस जीत में कोच राहुल द्रविड़ की सोच और कार्यशैली का बहुत ही बड़ा योगदान रहा । जिस जिम्मेदारी को उन्होंने हाथ में लिया था, उसे उन्होंने अंजाम पहुंचाकर ही दम लिया । चलिए हम आपको जूनियर टीम इंडिया की जीत के छह सबसे बड़े हीरो के बारे में बताते हैं ।
शुभम गिल
पंजाब के इस दाएं हत्था बल्लेबाज ने अपनी बैटिंग से सभी का दिल जीत लिया । फाइनल में शुभम भले ही सिर्फ 31 रन बनाए, लेकिन शुभम का बहुत ही शानदार औसत उनके योगदान को बताने और समझाने के लिए काफी है । शुभम गिल ने 6 मैचों में 181.00 के औसत से 362 रन बनाए । इसमें एक शतक और दो अर्धशतक भी शामिल हैं ।
मनजोत कालरा
पंजाब के ही लेफ्टी बल्लेबाज मनजोत कालरा ने मानो अपना सर्वश्रेष्ठ फाइनल के लिए ही बचा कर रखा था ।फाइल की कालरा की नाबाद 101 रन पारी उन्हें टॉप-3 भारतीय बल्लेबाजों में जगह दिला गई । कालरा ने 6 मैचों की पांच पारियों में 84.00 के औसत से 252 रन बनाए ।
पृथ्वी शॉ
यह सही है कि बहुत बड़ी प्रतिष्ठा और उम्मीदों के साथ टूर्नामेंट खेलने न्यूजीलैंड गए भारतीय जूनियर कप्तान पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन भले ही उनके कद के हिसाब से नहीं रहा । लेकिन कम स्कोर ही सही, लेकिन उन्होंने नियमित रूप से योगदान दिया । पृथ्वी 6 मैचों की 5 पारियों में 65.25 के औसत से 261 रन बनाकर भारत के दूसरे सबसे कामयाब बल्लेबाज रहे। उनका सर्वाधिक स्कोर 94 का रहा, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही मैच में बनाया था ।
अनुकूल रॉय
झारखंड के लिए अभी भी अपने प्रथम श्रेणी करियर शुरू न कर सके बंयहत्था स्पिनर अनुकूल रॉय ने नियमित अंतराल पर विकेट चटकाए ।अनुकूल रॉय 14 विकेट चटकाकर टूर्नामेंट के सबसे कामयाब गेंदबाज बने ।
नागरकोटी-शिवम
भारत के इन दो उभरते हुए तेज गेंदबाजों ने पूर्व क्रिकेटरों सहित देश के क्रिकेटप्रेमियों को यह दिखाया कि अब भारत के 19 साल के लड़के भी 145/घंटा से ऊपर की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं । ये दोनों लगातार सामने वाली टीम पर भारी पड़े। दोनों ने नौ-नौ विकेट चटकाए और दोनों ही आईपीएल में तीन करोड़ के आस-पास की अच्छी खासी रकम में बिके ।
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