नई दिल्ली: गैर मान्यताप्राप्त स्कूल खेल महासंघ के बैनर तले एडिलेड, आस्ट्रेलिया में खेलने गई दिल्ली की स्कूली फुटबॉल टीम की 15 वर्षीय खिलाड़ी नितिशा नेगी की मौत ने पहले से विवादों में घिरे एसजीएफआई की मुसीबत बढ़ा दी है। ग्लेनेग सामुद्री तट पर नितिशा की डूबने से मौत हो गई। कुछ दिन पहले पैसिफिक स्कूली खेलों में भाग लेने गई महिला हॉकी टीम को खाने और ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण एक वीडियो वायरल हुआ था। खेल मंत्रालय, हॉकी इंडिया और तमाम जिम्मेदार इकाइयों ने साफ-साफ कहा कि उनका इस टीम से कोई लेना-देना नहीं। मंत्रालय ने जांच का आश्वासन ज़रूर दिया था।
नितिशा की मौत की खबर से दिल्ली सरकार के खेल विभाग में हड़कंप सा मच गया है। छोटे-बड़े अधिकारी फोन उठाने के लिए तैयार नहीं हैं और ना ही किसी से बात करना चाहते हैं। ईस्ट दिल्ली के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा के परिजन मामले की पूरी जांच चाहते हैं। लेकिन जब उन्हें बताया गया कि जिन खेलों में भाग लेने उनकी बिटिया गई थी उनको मान्यता नहीं है तो उन्होने उन सभी अधिकारियों की जांच की मांग की जिनकी मार्फत खिलाड़ियों को एडिलेड भेजा गया।
पता चला है कि दिल्ली सरकार के खेल एवम् शिक्षा विभाग की धांधली के चलते खिलाड़ियों और अभिभावकों को लूटा जा रहा था। उनसे हज़ारों-लाखों लिए गये और बेमतलब के खेलों में झोंक दिया गया। नतीजा विवाद दर विवाद सामने आ रहे हैं। यह भी पता चला है कि चूंकि अधिकारी सीधे तौर पर घोटाले में शामिल हैं इसलिए भागते फिर रहे हैं।
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(राजेंद्र सजवान)