भारत की सुपर मुक्केबात्र एमसी मैरीकॉम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुये यूक्रेन की हाना ओखोता को शनिवार को 5-0 से हराकर आईबा विश्व महिला मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 45-48 किग्रा लाइट फ्लाईवेट वर्ग का स्वर्ण पदक जीत लिया। मैरीकॉम ने इसके साथ ही छठी बार स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास बना दिया। वह यह कारनामा करने वाली पहली मुक्केबाज और टूर्नामेंट की सबसे सफल मुक्केबाज बन गयी हैं।
मैरीकॉम की स्वर्णिम कामयाबी को हालांकि हरियाणा की सोनिया चहल नहीं दोहरा सकीं और उन्हें 54-57 किग्रा फेदरवेट वर्ग में जर्मनी की ऑर्नेला गेब्रियल वाहनर से।4 से हार कर रजत पदक से संतोष करना पड़। भारत ने प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित चार पदक जीते। 64 किग्रा वर्ग की सेमीफाइनलिस्ट सिमरनजीत कौर और 64-69 किग्रा के वेल्टरवेट वर्ग की सेमीफाइनलिस्ट लवलीना बोर्गोहैन को कांस्य पदक मिले।
35 वर्षीय सुपर मॉम मैरी ने यह मुकाबला जजों के सर्वसम्मत फैसले से जीता और जीत के बाद उन्होंने अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया जो भारी संख्या में आईजी स्टेडियम के केडी जाधव हाल में मौजूद थे। पूरे स्टेडियम में तिरंगा लहरा रहा था। विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता की ब्रांड एम्बेसेडर पहले ही अपना सातवां विश्व चैंपियनशिप पदक सुनिश्चित कर रिकार्ड बुक में जगह बना चुकी थीं और अब उन्होंने नया इतिहास रच दिया। इस स्वर्ण को जीतने के साथ ही मैरी की आंखों में आंसू आ गए।
मैग्निफिशेंट मैरी के नाम से मशहूर ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज मैरी ने यह मुकाबला 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 30-27 से जीता। अपना छठा स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही मैरी ने आयरलैंड की कैटी टेलर को पीछे छोड़ दिया जिनके नाम पांच विश्व खिताब हैं। हरियाणा के भिवानी की 21 वर्षीय सोनिया से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वह जर्मन मुक्केबाज को चुनौती नहीं दे सकीं। वाहनर ने यह मुकाबला 29-28, 29-28, 28-29, 29-28, 29-28 से जीता।