आज एक क्रिकेटर एक मैच खेलने के करोड़ों रुपए कमाता है। आज के समय में क्रिकेटर्स की जिंदगी किसी बॉॅलीवुड स्टार से कम नहीं होती है। एक क्रिकेटर के पास नाम और पहचान दोनों ही होते हैं लेकिन जहां यह क्रिकेटर्स अपने एक मैच में करोडों कमाते हैं तो वहीं एक ऐसा भी क्रिकेटर है जिसने भारत के लिए पहले नेत्रहीन वर्ल्ड कप खेला था।
इस खिलाड़ी ने खेला था पहला नेत्रहीन World Cup
पहला नेत्रहीन वर्ल्ड कप पहली बार भारत में हुआ था। वही नेत्रहीन भारतीय क्रिकेटर आज बहुत ही मुश्किल में अपनी जिंदगी काट रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हम भारतीय क्रिकेटर भालजी डामोरन के बारे में बात कर रहे हैं। यह नेत्रहीन हैं औैर यह गुजरात के एक गांव में रहते हैं।
कौन हैं क्रिकेटर भालजी डामोरन ?
भालजी अपना घर चलाने के लिए भैंसों को चराते हैं। इन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर में 150 मैच खेले हैं और अपने नाम 3000 रन का रिकॉर्ड बनाया हुआ है। भालजी को अपने इस रिकॉर्ड के लिए कर्ई सारे अवार्ड भी मिले हुए हैं।
भालजी को पहले लगता था कि इन सब के बाद उनका जीवन कुछ आसान हो जाएगा लेकिन जैसा उन्होंने सोचा था वैसा तो बिल्कुल भी नहीं हुआ था।
जब वह अपने देश के लिए क्रिकेट खेले तो उन्हें ऐसा लगा कि प्रतिष्ठा बन सकती है और क्रिकेट कोटा उनकी इसमें काफी मदद भी कर देगा जिससे कि उनका जीवन आसान हो जाएगा।
किसी ने भी नहीं की भालजी डामोरन मदद
लेकिन जो भी उन्होंने सोचा ऐसा तो कुछ हुआ नहीं और उसके ऊपर उनकी उम्र की वजह से उनका क्रिकेट कैरियर भी खत्म हो गया। इसके अलावा भारत सरकार ने भी उनकी कुछ खास मदद नहीं कि और उन्हें कोई सरकारी नौकरी भी नहीं दी।
ऐसी जिंदगी जीने के लिए हुए मजबूर
भालजी हमारे लिए देश के वो अनमोल रत्न हैं जिसे देश ने भूला दिया है। भालजी ने अपने देश के लिए वो सब कुछ किया है जिसकी कोई भी कल्पना नहीं कर सकता है। आज भालजी अपनी जिंदगी काफी मुश्किलों में गुजार रहे हैं।
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