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Eastern Ladakh
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति ‘‘बहुत नाजुक’’ बनी हुई है और कुछ इलाकों में भारत एवं चीन, दोनों देशों के सैनिकों की नजदीक तैनाती के चलते सैन्य आकलन के अनुसार हालात ‘‘काफी खतरनाक’’ है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तैनात सैनिकों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बातचीत की और उनकी युद्ध तैयारियों का जायजा लिया।
थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में खतरा 'किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है' और भारतीय सेना 'दृढ़ता' तथा 'साहसिक' तरीके से चीनी सेना से निपटना जारी रखेगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों की पूरी तरह से वापसी और यथास्थिति की तत्काल बहाली के अपने रुख से समझौता किये बिना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें, पुल और सुरंगें न केवल सामरिक जरूरतों को पूरा करती हैं बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों की देश के विकास में भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित कर राष्ट्र को आकस्मिक स्थिति से निपटने में सक्षम बनाती हैं।