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Eastern Ladakh
थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में खतरा 'किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है' और भारतीय सेना 'दृढ़ता' तथा 'साहसिक' तरीके से चीनी सेना से निपटना जारी रखेगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों की पूरी तरह से वापसी और यथास्थिति की तत्काल बहाली के अपने रुख से समझौता किये बिना
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें, पुल और सुरंगें न केवल सामरिक जरूरतों को पूरा करती हैं बल्कि दूरदराज के क्षेत्रों की देश के विकास में भी बराबर भागीदारी सुनिश्चित कर राष्ट्र को आकस्मिक स्थिति से निपटने में सक्षम बनाती हैं।
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में संघर्ष के अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए जल्द ही किसी तारीख पर अगले दौर की सैन्य स्तर की वार्ता आयोजित करने पर बृहस्पतिवार को सहमति व्यक्त की ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में स्थित युद्ध स्मारक का सौन्दर्यीकरण के बाद बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। इसी स्थान पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का बहादुरी से मुकाबला किया था।