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Narendra Giri
प्रयागयाग में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने शिष्य आनंद गिरि, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी, उनके बेटे संदीप तिवारी की वजह से ‘ भारी मानसिक तनाव’ में थे और उन्होंने समाज की नजरों में मानहानि और अपमान से बचने के लिए जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की सोमवार को हुई बैठक में निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) की 25 अक्टूबर को प्रयागराज में बैठक होने वाली थी, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी चुना जाएगा, जिनका पिछले महीने निधन हो गया था।
महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने तीन आरोपियों आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और उनके बेटे संदीप तिवारी के पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी है।
बलबीर गिरि ने कहा, "मैं एक दिगंबर संन्यासी हूं और पिछले 18-20 वर्षों से सनातन परंपरा का पालन कर रहा हूं। मैं अपने निर्णय अखाड़े के अपने वरिष्ठ संतों के सामने रखूंगा