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Parliament Of Religions
किसी भी समाज को आत्मरक्षा के लिए सजग करने में ‘धर्म संसद’ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन पहले भी होता रहा है। धर्म की रक्षा और देश की रक्षा की भावना जगाने के लिए राष्ट्रभक्त समाज की सभाएं और सम्मेलन आयोजित कर अपना दायित्व निभाते रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 12 जनवरी को हरिद्वार ‘धर्म संसद’ के आयोजन के दौरान आपत्तिनजक भाषण के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी।
हिंदू धर्म गुरु कालीचरण महाराज की रिहाई की मांग को लेकर कई दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्य शुक्रवार को यहां सड़कों पर उतर आए।
भारत को जो लोग संविधान से इतर किसी अन्य रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं उन्हें हम सच्चा भारतीय नहीं मान सकते हैं क्योंकि ये लोग भारत की उस सर्वव्यापी मानवीय अवधारणा और प्रतिस्थापना को कलंकित कर देना चाहते हैं जो हमारे स्वतन्त्रता सेनानियों ने लाखों कुर्बानियां देकर स्थापित की थीं।