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Peasant Movement
दिल्ली के तीन सीमा स्थलों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक आंदोलन करने वाले कई किसानों ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि प्रदर्शनस्थल घर की तरह थे और उन्हें ये दिन जीवनभर याद रहेंगे।
कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों की ओर से आंदोलन वापस लिये जाने के बाद कांग्रेस ने इसे सत्याग्रही किसान की जीत बताते हुए कहा कि सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अहम बैठक से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि आज की बैठक में कोई समाधान निकलना चाहिए।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसका खंडन किया है कि कुछ किसान बॉर्डर छोड़ कर घर जाना चाहते हैं। वो उन खबरों पर टिप्पणी कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि 32 संगठन घर वापसी करना चाहते हैं।
आज से संसद का शीतकालीन सत्र प्रारम्भ हो रहा है और इसमें उन तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया जायेगा जिन्हें लेकर किसान पिछले एक वर्ष से आन्दोलन कर रहे थे।