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Scheduled Castes
बाबा साहेब अम्बेडकर की जयन्ती हम मना चुके हैं अतः यह वाजिब सवाल बनता है कि आजादी के 74 साल बाद आज देश में दलितों या अनुसूचित जातियों के लोगों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति क्या है।
केंद्र गुरुवार को राज्यसभा में 'संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022' पेश कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एससी और एसटी से संबंधित किसी व्यक्ति के खिलाफ घर की चार दीवारी के अंदर की गई अपमानजनक टिप्पणी अपराध नहीं है।
आरक्षण का मूल अर्थ प्रतिनिधित्व है। आरक्षण कभी भी पेट भरने का साधन नहीं हो सकता बल्कि आरक्षण द्वारा ऐसे समाज को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया जाना चाहिए जो समाज के अन्दर दबे-कुचले रहे हैं।