WhatsApp: WhatsApp के इस फीचर का इस्तेमाल करके चैट मेमोरी को स्टोर करके रख सकते हैं। इस फीचर का मकसद Meta AI को दी जा रही सारी जरूरी जानकारी को रिकॉर्ड करके पर्सनल असिस्टेंट के तौर पर पर्सनलाइज्ड करना है।
मेटा ने इस साल की शुरुआत में व्हाट्सएप पर Meta AI को पेश करने के बाद, इसे अधिक यूजर फ्रेंडली बनाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं। व्हाट्सएप ने पहले ही Meta AI को एक पर्सनल एसिस्टेट के रूप में विकसित किया है और अब इसे हिंदी में भी उपलब्ध कराया है, जिससे उपयोगकर्ताओं का अनुभव और भी बेहतर हो गया है।
व्हाट्सएप का यह नया फीचर Meta AI यूजर्स द्वारा पहले साझा की गई जानकारियों को याद रखने की अनुमति देगा। व्हाट्सएप इसे भविष्य के अपडेट में रोल आउट कर सकता है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को उनकी पसंद के अनुसार और अधिक प्रासंगिक और व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं देना है।
यह मेमोरी फीचर Meta AI के इंटरैक्शन को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जब AI इस प्रकार की जानकारी को संचित करता है, तो यह उपयोगकर्ताओं की जीवनशैली और प्राथमिकताओं के अनुसार बेहतर सुझाव, सलाह, और प्रतिक्रियाएँ प्रदान कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता खाने के लिए सुझाव मांगता है, तो Meta AI उन व्यंजनों को नहीं सुझाएगा, जिन्हें उपयोगकर्ता ने पहले नापसंद किया है या जिनसे उसे एलर्जी है। इस प्रकार का कस्टमाइजेशन बातचीत को अधिक स्वाभाविक और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाता है, जिससे Meta AI एक व्यक्तिगत सहायक की तरह कार्य कर सके।