UPI : भारतीस रिजर्व बैंक ने बुधवार को देश में यूपीआई सर्विस को बढ़ावा देने के लिए UPI 123PAY और UPI Lite को लेकर नई घोषणा की। दोनों के प्रति लेनदेन की सीमा को बढ़ाया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल भुगतान की उपयोगिता को बढ़ाना है।
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देश में यूपीआई सर्विस को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को UPI 123PAY और UPI Lite को लेकर नई घोषणा की। आरबीआई ने UPI Lite की वॉलेट लिमिट को बढ़ाकर अब 5 हजार रुपये कर दिया है। पहले यह लिमिट 2 हजार रुपये थी। प्रति लेनदेन की लिमिट को भी 500 रुपये से बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है।
रिजर्व बैंक ने यूपीआई123पे के लिए प्रति लेनदेन की लिमिट को अब 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। UPI 123PAY को मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था। यह सुविधा अब 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। इस सुविधा का इस्तेमाल अब एक बड़े यूजर ग्रुप के जरिए किया जा सकेगा।
भारत में वर्ल्डलाइन के मुख्य वितरण एवं परिचालन अधिकारी रामकृष्णन राममूर्ति का कहना है, हर व्यक्ति तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाने के लिए यूपीआई की क्षमता को बढ़ाना आवश्यक है। यूपीआई 123पे और यूपीआई लाइट की पहुंच बढ़ी है और इसे स्वीकार्यता भी मिल चुकी है। ऐसे में लेन-देन की लिमिट बढ़ाना एक सकारात्मक कदम है। इससे लेन-देन की वैल्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी। फेडरल बैंक के समूह अध्यक्ष और सीएफओ वेंकटरमन वेंकटेश्वरन ने कहा कि यूपीआई लाइट वॉलेट के लिए प्रति लेनदेन सीमा में वृद्धि एक स्वागत योग्य कदम है।
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय का ऐलान किया गया। देश के केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने की घोषणा की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी कि मौद्रिक नीति समिति के छह में से पांच सदस्य रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में थे। वेंकटेश्वरन ने आगे कहा, आरबीआई ने रेपो दर को उसी स्तर पर बनाए रखा और रुख को बदलकर न्यूट्रल कर दिया, जो काफी हद तक आम सहमति के अनुरूप था। विकास और मुद्रास्फीति के बीच संतुलन अच्छी तरह से बना हुआ है और यह रुख बदलने का संकेत था।
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