लोजद के राष्ट्रीय संरक्षक एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव ने आज कहा कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ होगी और बड़ी पार्टी होने के नाते उसका ध्रुवीकरण कांग्रेस करेगी।
शरद यादव ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने जो लोगों से वादा किया था उसे चार वर्ष के बाद भी अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं वादा खिलाफी के कारण लोगों में काफी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि राजग ने जो नीति बनायी उस पर वह नहीं चली।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा से लोगों की नाराजगी का पता उत्तरप्रदेश के करैना, गोरखपुर और फुलपुर उप चुनाव के नतीजे से स्पष्ट पता चलता है। इसी तरह बिहार में लोकसभा के एक और विधानसभा की दो सीटों के लिये हुए उप चुनाव में लोगों ने राजग प्रत्याशी को आईना दिखाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा को अब समझ लिया है और इसलिये किसी तरह के भुलावे में आने वाले नहीं है।
शरद यादव ने कहा कि देश के लोगों की इच्छा है राजग को सत्ता से हटाना और इसी को लेकर विपक्षी दलों की गोलबंदी हो रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा यह चुनाव के बाद तय होगा। पहले भी वर्ष 1977 में मोरारजी देसाई, वर्ष 1989 में वी पी सिंह एवं 1996 एच डी देवगौंड़ के नेतृत्व में केन्द, में सरकार बनी थी और उस समय भी प्रधानमंत्री कौन बनेगा यह तय नहीं था। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा के चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ रहेंगी और बड़ पार्टी होने के नाते उसका ध्रुवीकरण कांग्रेस करेगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ लोगों को सपना दिखाने का काम किया है। सरकार सभी मोर्चे पर विफल साबित हुयी है। उन्होंने कहा कि देश आज कठिन दौर से गुजर रहा है। सत्ता में आने से पहले भाजपा ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार, किसानों को डेढ गुणा दाम, विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने और सभी लोगों के खाते में 15-15 लाख रूपये जमा कराने का वादा किया था। भाजपा ने इस तरह के 42 वादे लोगों से किये थे जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ। इसी तरह किसानों के साथ भी किया गया वादा पूरा नहीं किया गया।
शरद यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजग से हाथ मिलाकर प्रदेश के 11 करोड़ लोगों के साथ विश्वासघात करने का काम किया है। प्रदेश के लोगों ने महागठबंधन को पांच वर्षों के लिये जनादेश दिया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी होने के बावजूद शराब की बिक्री हो रही है। शराबबंदी कानून के तहत सिर्फ गरीब लोग पकड़ जा रहे है और ऐसे 90 प्रतिशित लोग जेल में बंद हैं।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अब मुख्यमंत्री श्री कुमार शराबबंदी कानून में संशोधन करने की बात कह रहे हैं। केन्द, और बिहार में जब डबल इंजन की सरकार है तो श्री कुमार को पूरे देश में ही शराबबंदी कानून लागू करा देनी चाहिए।
इस मौके पर पूर्व विधायक शिवजी राय और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामाशीष चौहान अपने -अपने समर्थकों के साथ लोजद में शामिल होने की घोषणा की।
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