नई दिल्ली: पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में विनाशकारी बाढ़ ने पिछले 24 घंटों में और छह लोगों की जान ले ली है। इस तरह मृतकों की संख्या बढ़ कर 23 हो गई। हालांकि, क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। असम सबसे ज्यादा प्रभावित है और राज्य में अकेले 12 लोगों की मौत हो चुकी है। सवा चार लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर होजाई, कर्बी एनलौंग ईस्ट, कर्बी एनलौंग वेस्ट, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी, चाचर ज़िले हैं। इनमें से भी करीमगंज और हैलाकांडी सबसे अधिक प्रभावित है जहां क़रीब 3 लाख सत्तर हज़ार लोग बाढ़ की चपेट में हैं। घर-गृहस्थी बाढ़ की भेंट चढ़ चुके हैं। फसल भी पानी में डूब चुकी है और प्रमुख सड़कें धंस गई हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला जा रहा है।
मणिपुर की बात करें तो राजधानी इंफाल में हालात में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन थॉबल, इंफ़ाल वेस्ट में हालात जस के तस बने हुए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि उन्होंने फोन पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में उन्हें जानकारी दी है, साथ ही बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तत्काल मदद भी मांगी है। त्रिपुरा में भी हालात में पहले के मुक़ाबले सुधार हुआ है लेकिन अब भी यहां क़रीब 40 हज़ार लोग राहत शिविरों में फंसे हुए हैं।
मिजोरम में भी बाढ़ ने कहर बरपाया है. खासकर उत्तरी मिजोरम के 25 गांवों की स्थिति खराब है। ये गांव राज्य के अन्य हिस्सों से कट गए हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा था कि राज्य में फिलहाल 668 गांव बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ की वजह से अभी तक कुल 1912 हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। स्थानीय प्रशासन के अकेले गुवाहाटी शहर में चार जगहों पर भूस्खलन हुआ।
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