लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

जेटली ने कांग्रेस पर बोला हमला , कहा- आत्मसमर्पण करने से इनकार करने वाले आतंकवादियों से निपटना बल प्रयोग नहीं

जेटली ने कांग्रेस और मानवाधिकार संगठनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आत्मसमर्पण करने से इनकार करने वाले आतंकवादियों से निपटना बल प्रयोग की नीति नहीं है

केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने आज विपक्षी पार्टी कांग्रेस और मानवाधिकार संगठनों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आत्मसमर्पण करने से इनकार करने वाले आतंकवादियों से निपटना बल प्रयोग की नीति नहीं है बल्कि यह कानून व्यस्था का मुद्दा है। इसके लिए राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं किया जा सकता।

जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाये जाने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने आशंका प्रकट की है कि इससे कश्मीर समस्या से निपटने में ‘बल प्रयोग’ नीति की वापसी हो सकती है।

जेटली ने फेसबुक पर लिखा कि कभी-कभी हम उन मुहावरों में फंस जाते हैं जो हमने ही गढ़े हैं। ऐसा ही एक मुहावरा है  कश्मीर में बल प्रयोग की नीति’’। एक हत्यारे से निपटना भी कानून-व्यवस्था का मुद्दा है। इसके लिए राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं किया जा सकता।’’

उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘ कोई भी फिदायीन मरने को तैयार रहता है। वह (लोगों को) मारना भी चाहता है। तो क्या उससे सत्याग्रह का प्रस्ताव देकर निपटा जा सकता है? जब वह हत्या करने आगे बढ़ रहा हो तो क्या सुरक्षा बलों को उससे यह कहना चाहिए कि वह मेज तक आए और उनके साथ बात करे?

जेटली का बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले भाजपा ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ अपना गठजोड़ तोड़ लिया, फलस्वरुप वहां सरकार गिर गयी एवं राज्यपाल शासन लगा। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती महबूबा ने भी कहा था कि जम्मू कश्मीर में बल प्रयोग से बात नहीं बनेगी और सुलह ही राज्य में समस्याओं के हल का एकमात्र रास्ता है।

उन्होंने कहा कि नीति घाटी के आम नागरिक की रक्षा करने, उन्हें आतंक से आजादी दिलाने तथा बेहतर जीवन एवं माहौल प्रदान की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता और नागरिकों के जीवन जीने के अधिकार की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।

जेटली ने अफसोस प्रकट किया कि वाम चरमपंथ विचार धारा के लोगों के वर्चस्व वाले प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने उन निर्दोष नागिरकों को मानवाधिकारों से वंचित किए जाने की चर्चा कभी नहीं की है जो उनकी हिंसा के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की निर्मम हत्या पर उनकी आंखों से कभी आंसू नहीं निकले।’’

उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस पार्टी ऐतिहासिक और वैचारिक दृष्टि से ऐसे मानवाधिकार संगठनों के विरुद्ध रही हो लेकिन राहुल गांधी के हृदय में उनके प्रति सहानुभूति अवश्य है। राहुल गांधी को जेएनयू और हैदराबाद में विघटनकारी नारे लगाने वालों का साथ देने में कोई पछतावा नहीं है।

जेटली ने कहा कि आप, तृणमूल जैसे दलों के राजनीतिक दुस्साहसियों और उन जैसे लोगों को बस इन संगठनों में राजनीतिक मौके की ताक रहती है। ये मानवाधिकार संगठन भूमिगत संगठनों के बाहरी नकाब हैं। जिस व्यवस्था में वे यकीन करते हैं वहां जीवन, आजादी, समानता और स्वतंत्र भाषण के लिए कोई जगह नहीं है। असल में वहां चुनाव या संसदीय लोकतंत्र के लिए कोई स्थान ही नहीं है।

मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की गलत कश्मीर नीति के सबसे बड़े पीड़ितों एक कश्मीर घाटी के लोग हैं। पिछले तीन सालों से आतंकवादी अप्रैल, मई और जून के महीनों में अपनी गतिविधियां बढ़ा देते हैं ताकि पर्यटन सीजन में घाटी की आर्थिक जीवन रेखा पंगु हो जाए।

उन्होंने लिखा कि वे अदालतों को आतंकित करते हैं, वे संपादकों की हत्या करते हैं, वे निर्दोष नागरिकों को मारते हैं, वे अन्य धर्मावलंबियो को अपने धर्म का पालन नहीं करने देते हैं। कश्मीर के नागरिकों के मानवाधिकारों को कौन खतरे में डाल रहा है? इसका जवाब स्पष्ट है कि वे आतंकवादी एंव जेहादी हैं जिन्होंने ऐसा किया है।

उन्होंने कहा कि पूरा देश अपने निर्दोष नागरिकों की रक्षा के वास्ते अपने सुरक्षाकर्मियों को लगाने में भारी कीमत उठाता है। कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये हैं।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 − 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।