जम्मू-कश्मीर की बीजेपी-पीडीपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके भारतीय जनता पार्टी के नेता चौधरी लाल सिंह ने कश्मीर के पत्रकारों को चेतावनी दी है।
चौधरी लाल सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों को चेतावनी देते हुए कहा कहा कि कश्मीर के पत्रकारों ने गलत माहौल पैदा कर दिया था उधर, अब तो मैं कश्मीर के पत्रकारों से कहूंगा कि आप भी अपनी पत्रकारिता की लाइन तय कर लें कि कैसे रहना है। वैसे रहना जैसे शुजात बुखारी के साथ हुआ है? इसीलिए अपने आपको(पत्रकार) संभालें, और एक लाइन खींचे ताकि यह भाईचारा न टूटे और यह बना रहे।
आपको बता दे कि बीजेपी विधायक के इस बयान पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, ”प्रिय पत्रकारों आपके सहयोगियों को बीजेपी के विधायक से धमकी मिली है। ऐसा लगता है कि शुजात की मौत अब गुंड्डों के लिए पत्रकारों के खिलाफ एक हथियार बन गया है।
बता दें कि 14 जून को श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव इलाके में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वह यहां के स्थानीय अखबार राइजिंग कश्मीर के संपादक थे। इसके चंद दिनों के अंदर बीजेपी ने पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए 19 जून को महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
इससे पहले ,जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता चौधरी लाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महबूबा मुफ्ती की सरकार राज्य में अब तक की सबसे खराब सरकार थी और अगर उनकी पार्टी इस सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लेती तो और नुकसान उठाना पड़ता।
चौधरी लाल सिंह ने कहा कि रमजान के मौके पर ‘‘एकतरफा संघर्ष विराम’’ की घोषणा ‘‘सबसे बड़ी भूल थी।’’ इससे आतंकवादियों को पुनर्गठित होने का मौका मिला और इसने सुरक्षा बलों के मनोबल को गिराया।
भाजपा नेता ने संवाददाताओ से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल शासन लगाना उचित नहीं है लेकिन स्थिति जब दिन ब दिन बदतर होती जा रही हो तो यही एक विकल्प बचता है। यह (पीडीपी-भाजपा गठबंधन) सरकार प्रदेश में अब तक की सबसे खराब सरकार थी।’’
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