बिहार में एनडीए के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए के सहयोगी दलों के भोज में नहीं शामिल होने वाले रालोसपा अध्यक्ष अपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को भाजपा नेता सुशील मोदी की इफ्तार पार्टी में भी शामिल नहीं हुए। इस बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए में सीटों को लेकर बयानबाजी के बीच रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का खुला ऑफर दिया है। तेजस्वी ने शुक्रवार को नई दिल्ली से लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उपेंद्र कुशवाहा आना चाहते हैं तो महागठबंधन में विचार किया जाएगा। महागठबंधन में कोई बड़ा -छोटा नहीं, सभी भाई-भाई हैं। उपेंद्र कुशवाहा मन बनाएं, बात करें, उसके बाद ही कुछ होगा।
आपको बता दे कि रालोसपा की ओर से मोदी की इफ्तार पार्टी में सुधांशु शंकर शामिल हुए। पार्टी नेताओं का कहना है कि इफ्तार पार्टी में शामिल होने के लिए कुशवाहा को निमंत्रण नहीं मिला था। वहीं राजद नेता तेजस्वी ने कहा है कि कुशवाहा की अब एनडीए में कोई जगह नहीं है। उनका कई मुद्दों पर मतभेद है।
लोकसभा चुनाव में बिहार की सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में घमासान के बीच दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महागठबंधन के सहयोगी राजद नेता तेजस्वी यादव की हुई मुलाकात भी अहम मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो दोनों नेताओं के बीच सीटों को लेकर एक खाका भी खींचा गया है। दोनों ही नेताओं ने भाजपा को हराने के लिए अन्य दलों के लिए भी दरवाजे खुले रखने पर सहमति जताई है।
उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की एनडीए में अब कोई जगह नहीं है। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में खटपट और उससे अलग होने की बात को सिरे से नाकार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। वह पहले भी एनडीए के साथ थे और आगे भी एनडीए के साथ ही बने रहेंगे. एनडीए के भोज में शामिल न होने को लेकर कुशवाहा ने गोलमोल जवाब दिया। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही आरएलएसपी ने बिहार में एनडीए के चेहरे के रूप में नीतीश कुमार को चुने जाने पर अपनी आपत्ति जताई थी। आरएलएसपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर कुशवाहा को गठबंधन के नेता के तौर पर पेश कर चुनाव लड़ा जाए तो राजग को बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जबरदस्त सफलता मिलेगी।
उन्होंने कहा था कि भाजपा के बाद बिहार में राजग के घटक दलों में रालोसपा का समर्थन का आधार सबसे बड़ा है। राष्ट्रीय स्तर पर हमारी पार्टी जद (यू) से बड़ी है और 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा के समर्थन से राजग को लाभ हुआ था. तब जद (यू) अकेले चुनाव लड़ी थी।
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